विश्वासघात की दर्दनाक दास्तान — बड़े भाई को छोटे ने दिया धोखा, विधवा पत्नी न्याय की गुहार लगा रही दर-दर
इंदौर/गोरखपुर।
इंदौर में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। मूल रूप से गोरखपुर जनपद के बड़हलगंज तहसील के खडेसरी गांव के रहने वाले ओमप्रकाश तिवारी (उम्र 42 वर्ष) ने इंदौर में आत्महत्या कर ली। मृतक की पत्नी रानी तिवारी ने छोटे भाई अनिल तिवारी और उसकी पत्नी मंजुला तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
रानी तिवारी का कहना है कि उनके पति परिवार के सबसे बड़े बेटे थे, जिन पर पूरे परिवार की जिम्मेदारियां थीं। छोटे भाई अनिल तिवारी जो कि बैंकॉक में रहते हैं, ने साजिश के तहत ओमप्रकाश के हिस्से की पुश्तैनी जमीन अपने नाम करवा ली। जमीन के बदले नाममात्र की राशि — सिर्फ 7 लाख रुपये दिए और बाद में पैसे मांगने पर धमकी दी गई।
जब ओमप्रकाश ने अपने हक की मांग की और गांव पहुंचे, तो उनके साथ मारपीट की गई। इस अपमान और मानसिक पीड़ा से आहत होकर उन्होंने इंदौर आकर आत्महत्या कर ली।
अब उनकी पत्नी रानी तिवारी ₹250 रोज की मजदूरी करके तीन बच्चों का पेट पाल रही हैं। उनके बच्चे—श्रवण कुमार (16), सनी कुमार (13), और रामरतन (12)—पिता की मौत के बाद गहरे सदमे में हैं।
रानी तिवारी का कहना है कि पति की आत्महत्या के लिए अनिल तिवारी, उनकी पत्नी मंजुला तिवारी और सास गायत्री देवी जिम्मेदार हैं। ये सभी मिलकर मानसिक प्रताड़ना देते रहे और आखिरकार उनके पति को जिंदगी से हार माननी पड़ी।
अब रानी तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि उन्हें उनके हिस्से की जमीन पर अधिकार दिलाया जाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन, ग्राम प्रधान, पटवारी, तहसील कार्यालय सभी जगह शिकायत की गई, लेकिन अब तक न म्यूचुअल रजिस्टर में नाम कटा, न ही कोई कानूनी कार्रवाई हुई।
गांव की ग्राम सभा आदेशरी और तहसील वेल्का, जनपद गोरखपुर के अधिकारियों की लापरवाही ने पीड़ित परिवार की पीड़ा को और भी बढ़ा दिया है।
“अगर हमें हमारा हक नहीं मिला, तो मेरे बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा। मेरे पति की मौत यूं ही बेवजह नहीं थी, उसे मरने को मजबूर किया गया। मैं अंतिम सांस तक न्याय के लिए लड़ूंगी।” — रानी तिवारी, पीड़िता।