ठाठर मांधना में श्रीराम कथा के दूसरे दिन गुरु महिमा पर भावपूर्ण प्रवचन
मोरनी (ठाठर मांधना):
ठाठर मांधना गांव में जारी नौ दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव का दूसरा दिन भी श्रद्धा, भक्ति और आस्था की भावना से ओतप्रोत रहा। सुप्रसिद्ध कथा वाचक श्री रजनीश जी महाराज ने आज कथा स्थल पर उपस्थित विशाल श्रद्धालु जनसमूह को “गुरु की महिमा” का दिव्य संदेश देते हुए कहा कि “गुरु के बिना जीवन की नैया पार नहीं हो सकती। जैसे अंधेरे में दीपक दिशा दिखाता है, वैसे ही गुरु अज्ञान के अंधकार को मिटाकर आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है।”
महाराज जी ने कहा कि श्रीरामचरितमानस में भी गुरु का स्थान सर्वोच्च बताया गया है। भगवान राम स्वयं गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र की शरण में जाकर ज्ञान प्राप्त करते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी गुरु की कृपा के बिना अपने धर्म का निर्वाह नहीं कर सकते।

भाव-विभोर वातावरण में जब महाराज जी ने तुलसीदास रचित चौपाइयों और दोहों के माध्यम से गुरु महिमा का व्याख्यान किया, तो कई श्रद्धालु आंखों में श्रद्धा के आँसू लिए ध्यानमग्न हो गए। कथा के दौरान भजन, कीर्तन और सामूहिक राम नाम संकीर्तन से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया।
गांव के बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं और बच्चों ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया, और हंसराज ठाठर मांधना द्वारा आयोजित विशाल भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक रखा गया है, जो 9 दिनों तक चलेगी। स्थानीय लोगों ने इसे गांव के लिए एक पुण्य अवसर बताते हुए कहा कि वर्षों बाद ऐसा आयोजन हुआ है, जिसने गांव के आध्यात्मिक वातावरण को पूरी तरह से बदल दिया है।
ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा स्टेट हेड देव दर्शन शर्मा की रिपोर्ट





