बलिया (उत्तर प्रदेश), 4 जुलाई —
थाना नारी क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 25 वर्षीय पूजा मिश्रा, जिनकी शादी 9 वर्ष पहले प्रमोद मिश्रा से हुई थी, आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। उनके चार बेटियां हैं, जिनमें से दो को उन्होंने मजबूरी में मायके भेज रखा है। बाकी दो बच्चियों के साथ वह ससुराल में रोज़ अपमान और हिंसा झेल रही हैं।
पूजा बताती हैं कि उनके पति प्रमोद मिश्रा अक्सर घर से भाग जाते हैं और फरवरी 2025 की 24 तारीख दोपहर 12 बजे से गायब हैं। उनका मोबाइल भी बंद है और ना ही वो किसी प्रकार का संपर्क कर रहे हैं। उन्हें शक है कि प्रमोद किसी अन्य महिला के साथ रिश्ते में है और संभवतः दूसरी शादी कर चुका है।
इतना ही नहीं, उनके ससुराल वालों — सास सरस्वती देवी, भसुर नित्यराम मिश्रा और हनुमान मिश्रा और फिरोज मियां — ने उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर किया है। वे ताना मारते हैं कि “जब तेरा आदमी चला गया तो तू भी अपनी लड़कियों को लेकर यहां से निकल जा।”
इन सभी ने शारीरिक हिंसा तक की है और कई बार पूजा को घर से निकालने की कोशिश की है। ससुराल पक्ष का यह भी कहना है कि “लड़का नहीं है, सिर्फ बेटियां हैं”, इसलिए उन्हें इस घर में रखने का कोई मतलब नहीं।
पूजा का मायका आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है और वह अपने बच्चों को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
अब पूजा मिश्रा प्रशासन से मांग कर रही हैं कि उनके पति की तलाश की जाए, उन्हें न्याय दिलाया जाए, और उनके तथा उनकी बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।