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कटिहार में दलित महिला की जमीन पर दबंगों का अवैध कब्जा, न्याय के लिए दर-दर भटक रही पीड़िता

कटिहार। बिहार के कटिहार जिले में दबंगों द्वारा एक दलित महिला की जमीन पर अवैध कब्जा करने और विरोध करने पर बेरहमी से मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़िता गिरजा कुमारी का आरोप है कि सुरेश पटेल और उसके परिवार के लोगों ने उसके पिता द्वारा खरीदी गई जमीन को जबरन हथिया लिया है। जब भी वह अपनी ही जमीन पर जाने की कोशिश करती है, तो जातिसूचक गालियां देकर उसे अपमानित किया जाता है, धक्का-मुक्की की जाती है और बुरी तरह पीटा जाता है।

कोर्ट से मुकदमा खारिज, फिर भी नहीं रुका अत्याचार

पीड़िता के अनुसार, उसके पिता बैकुंठ रजक ने वर्ष 1970 में 1.30 एकड़ जमीन विधिवत रूप से खरीदी थी, जिसका नामांतरण भी कराया गया था। लेकिन पिता की मृत्यु के बाद, सुरेश पटेल और उसके परिवार ने जबरन कब्जा कर लिया और उसे खेती करने से रोकने लगे।

पीड़िता ने अपर जिला पदाधिकारी, कटिहार के न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें 20 दिसंबर 2022 को फैसला उसके पक्ष में आया और दबंगों के दावे को खारिज कर दिया गया। बावजूद इसके, आरोपियों ने लाठी-डंडे के बल पर जमीन पर कब्जा बनाए रखा।

खेत में जाते ही दबंगों ने किया हमला

पीड़िता का कहना है कि जब भी वह अपनी जमीन पर जाती है, तो सुरेश पटेल और उसके परिवार के लोग उसे धमकाते हैं, गालियां देते हैं और मारपीट करते हैं।

11 दिसंबर 2024 को शाम करीब 4 बजे, जब वह खेत में लगी फसल की देखभाल कर रही थी, तभी सुरेश पटेल, नरेश पटेल, नागो पटेल, संजय पटेल, विकाश पटेल और दो अज्ञात व्यक्ति खेत में घुस आए। सभी आरोपी हथियारों से लैस थे और उन्होंने आलू और लहसुन की फसल उखाड़नी शुरू कर दी।

जब पीड़िता ने इसका विरोध किया, तो सुरेश पटेल ने अपने साथियों को आदेश दिया कि “इस हरामजादी को नंगा कर के मारो”। इसके बाद नरेश पटेल, नागो पटेल, संजय पटेल और विकाश पटेल ने उसे जमीन पर पटक दिया, कपड़े फाड़ दिए और लाठी से सिर पर हमला कर दिया।

ग्रामीणों के हस्तक्षेप से बची जान

हमले के दौरान पीड़िता का सिर फट गया और खून बहने लगा। वह मदद के लिए चिल्लाई, जिसके बाद आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को आता देख आरोपी गालियां देते हुए वहां से फरार हो गए।

थाने में भी नहीं मिला न्याय, अब मीडिया से लगाई गुहार

घटना के बाद पीड़िता कोढ़ा थाना पहुंची, लेकिन वहां से उसे अनुसूचित जाति थाना भेज दिया गया। जब वह अनुसूचित जाति थाना पहुंची, तो थाना प्रभारी ने पहले आवेदन लेने से इनकार कर दिया।

अब पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक, कटिहार से न्याय की गुहार लगाई है और मीडिया के माध्यम से प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उसने कहा,

“मैंने अधिकारियों से लेकर न्यायालय तक न्याय के लिए हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। अब मुझे मीडिया से उम्मीद है कि मेरी आवाज सरकार तक पहुंचेगी और मुझे न्याय मिलेगा।”

पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग

अब यह मामला चर्चा का विषय बन चुका है। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की अपील की है।

क्या प्रशासन दलित महिला को न्याय दिला पाएगा?

कटिहार प्रशासन की भूमिका अब सवालों के घेरे में है। क्या पीड़िता को न्याय मिलेगा? क्या दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी? या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?

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