जालंधर/भागलपुर।
नीतीश कुमार, उम्र 19 वर्ष, निवासी जिला भागलपुर (बिहार), वर्तमान में जालंधर (पंजाब) में रह रहे थे। उन्होंने करीब दो वर्ष पहले जालंधर निवासी जसप्रीत कौर के साथ प्रेम विवाह किया था। दोनों हिंदू रीति-रिवाजों से 6 नवंबर 2023 को महावीर मंदिर, मुंगेर (बिहार) में विवाह बंधन में बंधे थे। इस विवाह की पुष्टि एक वैध शपथ पत्र (एएफिडेविट संख्या 395522/2023) के माध्यम से भी की गई है, जिसमें जसप्रीत ने स्वयं अपनी मर्जी से शादी करने की बात कही है।
शादी के बाद दोनों पति-पत्नी साथ रह रहे थे और जसप्रीत इस समय करीब एक माह की गर्भवती भी हैं। लेकिन लगभग 20 दिन पहले जसप्रीत के माता-पिता ने उसे बहाने से अपने घर बुलाया और फिर चालाकी से नीतीश को फँसाकर पुलिस के माध्यम से जेल भिजवा दिया।
शपथ पत्र में जसप्रीत का बयान:
“मैं, जसप्रीत कौर, पुत्री श्री राजीव कुमार, निवासी बसंत कॉलोनी, थाना लाबड़ा, जिला जालंधर, अपने होश-हवास में यह शपथ लेती हूं कि मैंने अपनी मर्जी से नीतीश कुमार से शादी की है और मैं उसके साथ खुशी-खुशी जीवन व्यतीत कर रही थी।”
अब जब जसप्रीत गर्भवती है और उसका पति जेल में है, तो यह मामला संवेदनशील हो गया है। परिजनों द्वारा युवक को झूठे केस में फंसाने के आरोप लग रहे हैं। पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई है और पति को रिहा करने की मांग की है।
क्या है पूरा मामला
जालंधर में विवाहिता को गर्भवती हालत में परिजनों ने किया धोखा, पति नितीश कुमार को भेजा जेल
प्रेम विवाह करने वालों के लिए समाज में आज भी रास्ते आसान नहीं हैं। ऐसा ही एक दर्दनाक मामला सामने आया है पंजाब के जालंधर से, जहां एक 19 वर्षीय युवक को प्रेम विवाह करने की “सजा” जेल में काटनी पड़ रही है, जबकि उसकी पत्नी गर्भवती अवस्था में अपने पति की रिहाई के लिए दर-दर भटक रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार (उम्र 19 वर्ष) पिता श्री चंद्रशेखर पासवान, मूल निवासी – नयागांव, थाना असरगंज, जिला मुंगेर (बिहार) वर्तमान में जालंधर (पंजाब) में रहकर मेहनत-मजदूरी कर जीवन यापन कर रहा था। करीब दो साल पहले नीतीश की जान-पहचान जालंधर की ही रहने वाली जसप्रीत कौर से हुई। धीरे-धीरे यह रिश्ता प्रेम में बदला और फिर दोनों ने सामाजिक विरोध के बावजूद शादी करने का फैसला किया।
विवाह की पुष्टि वैध शपथ-पत्र से
6 नवंबर 2023 को दोनों ने हिंदू रीति-रिवाज से महावीर मंदिर, टाउन हॉल के निकट, थाना कोतवाली, जिला मुंगेर (बिहार) में विवाह किया। विवाह के बाद जसप्रीत ने स्वयं अपनी मर्जी से एक वैध शपथ-पत्र (AFFIDAVIT No. 395522/2023) बनवाया, जिसमें उसने स्पष्ट किया कि वह बालिग है और अपनी स्वतंत्र इच्छा से नीतीश कुमार से विवाह कर रही है।
शपथ पत्र में जसप्रीत ने कहा:
> “मैं, जसप्रीत कौर, पिता श्री राजीव कुमार, निवासी बसंत कॉलोनी, थाना लाबड़ा, जिला जालंधर, भारत की नागरिक, अपने होश-हवास में यह शपथ लेती हूं कि मैंने अपनी मर्जी से नीतीश कुमार से शादी की है और मैं उसके साथ खुशीपूर्वक जीवन व्यतीत कर रही हूं। इस शपथ-पत्र में कही गई सभी बातें सत्य हैं और मैंने कुछ भी नहीं छुपाया है।”
धोखे से बुलाकर पति को फँसाया
शादी के बाद दोनों साथ रह रहे थे और सामान्य वैवाहिक जीवन बिता रहे थे। जसप्रीत इस समय करीब एक माह की गर्भवती भी है। लेकिन करीब 20 दिन पहले जसप्रीत के माता-पिता ने बहाने से अपनी बेटी को अपने घर बुला लिया। इसके बाद उन्होंने नीतीश के खिलाफ स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और उसे जेल भिजवा दिया।
नीतीश पर किन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है, लेकिन जसप्रीत के अनुसार यह सब कुछ एक साजिश के तहत किया गया है ताकि उनके प्रेम विवाह को खत्म किया जा सके।
पत्नी की गुहार – “मेरा पति निर्दोष है”
जसप्रीत ने मीडिया से बातचीत में रोते हुए बताया कि वह अपने पति के साथ पूरी तरह खुश थी और अब वह गर्भवती है। उसने कहा,
> “मेरे माता-पिता ने मुझे बहला-फुसलाकर अपने घर बुलाया और अब मेरे पति को फंसा दिया। मैं चाहती हूं कि मेरे पति को तुरंत रिहा किया जाए। वह निर्दोष है।”
यह मामला अब कानूनी और सामाजिक दोनों ही दृष्टिकोण से गंभीर बन गया है, क्योंकि एक बालिग महिला द्वारा किए गए प्रेम विवाह को जबरन तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। सवाल यह भी उठता है कि जब महिला ने स्वयं शादी की और शपथ-पत्र भी दिया, तब उसे और उसके पति को इस तरह परेशान करने का क्या औचित्य है?
क्या कहता है कानून?
भारतीय कानून के अनुसार यदि दोनों युवक-युवती बालिग हैं और उन्होंने आपसी सहमति से विवाह किया है, तो किसी भी तीसरे व्यक्ति – यहां तक कि माता-पिता को भी – उनके संबंधों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। अदालतें भी बार-बार इस पर स्पष्ट टिप्पणी कर चुकी हैं कि बालिग प्रेम विवाह करने के लिए स्वतंत्र हैं।
यह मामला न केवल सामाजिक कड़वाहट को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि प्रेम विवाह करने वालों को आज भी सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर कितनी प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। अब देखना यह है कि जसप्रीत की इस गुहार पर प्रशासन कब तक ध्यान देता है और नीतीश कुमार को कब तक न्याय मिलता है।