मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड के जिरवा, महोली वार्ड नंबर 2 में जमीन विवाद के चलते एक गंभीर घटना सामने आई है। शिवजी शर्मा और उनके परिवार के घर में 9 जनवरी की रात 10 बजे अचानक आग लग गई। इस घटना में शिवजी के तीन बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य तो बाल-बाल बच गए, लेकिन घर का बड़ा नुकसान हो गया।
घटना का विवरण
शिवजी शर्मा, जिनके पिता का नाम जीतन शर्मा है, जिरवा, महोली वार्ड नंबर 2 में अपने परिवार के साथ रहते हैं। 9 जनवरी की रात अचानक उनके घर में आग लग गई। उस समय शिवजी की पत्नी और अन्य बुजुर्ग सदस्य आंगन में सो रहे थे, जिससे वे सुरक्षित बच गए।
आग इतनी भयंकर थी कि घर में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। घटना में एक मोटरसाइकिल, 10 क्विंटल धान और अन्य घरेलू सामान जलकर खाक हो गया। वहीं, उनके भाई शंकर शर्मा का घर, जो पास में स्थित था, भी आग की चपेट में आकर पूरी तरह जल गया।
पड़ोसियों पर साजिश का शक
शिवजी शर्मा और उनके परिवार ने इस आगजनी के लिए पड़ोसी सचिन शर्मा और उनकी पत्नी मंजू देवी पर साजिश का शक जताया है। उनका आरोप है कि जमीन विवाद के चलते सचिन शर्मा और मंजू देवी ने जानबूझकर उनके घर में आग लगाई।
हालांकि, यह भी सामने आया है कि जिस समय शिवजी के घर में आग लगी, उसी समय सचिन शर्मा और मंजू देवी के घर में भी आग लग गई। लेकिन पड़ोसियों का दावा है कि सचिन शर्मा और उनकी पत्नी ने आग लगने से पहले ही अपने घर से अनाज और महंगी सामग्री बाहर निकाल ली थी। इससे इस घटना में साजिश की आशंका और गहरी हो गई है।
पुलिस में शिकायत, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
शिवजी शर्मा ने नजदीकी शंकरपुर थाने में इस घटना की शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन अभी तक पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इससे पीड़ित परिवार और ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।
गंभीर सवाल और मांग
क्या यह आगजनी एक साजिश थी?
सचिन शर्मा और मंजू देवी ने अपने घर से सामान पहले क्यों बाहर निकाला?
पुलिस अब तक निष्क्रिय क्यों है?
क्या जमीन विवाद के चलते यह हिंसा हुई?
ग्रामीणों और परिवार का आक्रोश
घटना के बाद ग्रामीणों और पीड़ित परिवार ने प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि मामले की गहराई से जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रशासन और सरकार से अपील
पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन और सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की अपील की है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है। जमीन विवाद जैसे मुद्दे हिंसा का रूप ले सकते हैं, जो पूरे समाज को प्रभावित करते हैं। प्रशासन और पुलिस को इस मामले की साजिश की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
ई खबर के लिए डीएस राजावत की रिपोर्ट