इलाहाबाद।
“मेरी मां मर रही है… हमारे पास न आयुष्मान कार्ड है, न पैसे… अब सिर्फ एक आस बची है — खेसारी लाल यादव सर…” — यह गुहार लगाई है मनीषा यादव ने, जो इन दिनों अपनी बीमार मां के इलाज के लिए दर-दर भटक रही हैं। मां सुमित्रा देवी (उम्र 60 वर्ष) को गंभीर ट्यूमर की बीमारी है और उनका इलाज कराना मनीषा के बस के बाहर है।
इलाहाबाद की रहने वाली मनीषा की जिंदगी वैसे ही संघर्षों से भरी रही है। साल 2018 में उन्होंने अनिल कुमार यादव से शादी की, जो एक दूसरी जाति से आते हैं। शादी के बाद भी सामाजिक और आर्थिक चुनौतियां उनका पीछा नहीं छोड़ रहीं। अब उनके परिवार में सिर्फ दो साल का बेटा अनुज कुमार यादव और उनकी बीमार मां ही हैं — जिनकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
मनीषा बताती हैं कि उन्होंने हर सरकारी दरवाजा खटखटाया, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली। आयुष्मान कार्ड नहीं होने के कारण सरकारी अस्पताल में भी इलाज में दिक्कत आ रही है। निजी अस्पतालों में इलाज लाखों का बताया जा रहा है, जो उनके बस की बात नहीं।
“मैं सिर्फ एक बेटी हूं, जो अपनी मां को मरते हुए नहीं देख सकती। मैंने सुना है खेसारी लाल यादव लोगों की मदद करते हैं… अब वही मेरी आखिरी उम्मीद हैं। अगर वे मेरी बात सुन रहे हों, तो मेरी मां के इलाज में मदद करें। मैं हमेशा उनकी ऋणी रहूंगी…” — मनीषा की आंखें भर आईं।
सुमित्रा देवी की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन और कीमोथेरेपी की सलाह दी है, लेकिन खर्च इतना अधिक है कि परिवार टूट गया है।
खेसारी लाल यादव अक्सर जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आते रहे हैं। बिहार-यूपी के लोगों में उनकी जबरदस्त लोकप्रियता है और उन्होंने कई बार सोशल मीडिया के जरिए मानवीय मदद की मिसाल पेश की है।
अब मनीषा की यह अपील सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि खेसारी लाल यादव तक यह गुहार पहुंचे और एक बेटी की मां की जान बच सके।
यदि खेसारी लाल यादव या उनका कोई प्रतिनिधि इस खबर को पढ़ रहा है, तो मनीषा यादव से संपर्क किया जा सकता है ताकि इलाज में मदद दी जा सके। एक जान बच सकती है — बस थोड़ी सी इंसानियत और मदद से।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट