दरभंगा से रहस्यमयी तरीके से लापता हुई विवाहिता, रेलवे स्टेशन पर तीन घंटे तक पिता करता रहा इंतजार, जमाई बेटी को “शौचालय” भेजने की बात कहकर बच्चे छोड़ हुआ गायब
पिता की फरियाद- “मेरी बेटी को गायब कर दिया गया है”, थानों में भटकने के बाद भी नहीं हुई एफआईआर, मेरठ कनेक्शन भी आया सामने
दरभंगा/मेरठ।
बिहार के दरभंगा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक विवाहिता रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई है। पीड़ित पिता गणेश यादव (उम्र 48 वर्ष), जो मूल रूप से बहेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत दरभंगा जिले के निवासी हैं, ने इस पूरे मामले में अपनी बेटी रीता कुमारी (उम्र 26 वर्ष) की गुमशुदगी का गंभीर आरोप अपनी बेटी के ससुराल पक्ष पर लगाया है।
गणेश यादव का कहना है कि वे अपने परिवार के साथ मेरठ के इंदिरापुरम कॉलोनी में रहते हैं और 7 मई 2021 को उन्होंने अपनी बेटी रीता की शादी हरिनंदन यादव से सीहोल, दरभंगा में धूमधाम से की थी। इस दंपति का एक बेटा सूर्यांश भी है, जिसकी उम्र लगभग 3 वर्ष है।
फोन आया और बेटी का ‘गायब हो जाना’ शुरू हुआ
गणेश यादव बताते हैं कि 9 जून 2025 को भोर में करीब 3:30 बजे उनके दामाद हरिनंदन यादव का फोन आया। उन्होंने कहा, “रेलवे स्टेशन दरभंगा पहुंचिए, बेटी रीता और पोते सूर्यांश को लेकर जाइए।”
गणेश यादव बिना देर किए रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां पर हरिनंदन यादव ने नन्हे सूर्यांश को तो उन्हें सौंप दिया, लेकिन जब गणेश ने अपनी बेटी रीता के बारे में पूछा तो जवाब मिला—”वो शौचालय गई है, अभी लेकर आता हूं।”
तीन घंटे तक रेलवे स्टेशन पर इंतजार
गणेश यादव कहते हैं कि उन्होंने पूरे तीन घंटे तक रेलवे स्टेशन पर इंतजार किया, लेकिन न तो उनकी बेटी लौटी और न ही जमाई हरिनंदन।
संदेह के घेरे में यह घटना उस समय और गहरी हो गई जब घर पहुंचते ही गणेश यादव को उनके भाइयों राममोहन और कृष्ण मोहन ने दो ट्रॉली बैग लाकर दरवाजे पर फेंक दिए, जो कि रीता कुमारी के ससुराल से भेजे गए थे।
थाने में तीन दिन चक्कर काटे, एफआईआर तक नहीं लिखी गई
इस घटना के बाद गणेश यादव बहेड़ा थाने पहुंचे। उन्होंने लगातार तीन दिनों तक शिकायत दी, मगर पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही कोई कार्रवाई की। यहां तक कि उन्हें डीएसपी दरभंगा के पास तक जाना पड़ा, तब कहीं जाकर 13 जून 2025 को बिरौल थाना दरबंगा बिहार ने उनकी शिकायत को संज्ञान में लिया।
18 जून को जब वे पुन जी आर पी कार्यालय गए, तो वहां पर यह कहकर लौटा दिया गया कि “यह मामला हमारा नहीं है, अब यह मेरठ से जुड़ा है।
हम आवेदन मेरठ भेज देंगे, वहां से आपको कॉल आएगा।” लेकिन अब तक न तो कोई फोन आया, न कार्रवाई हुई।
पिता की गुहार- मेरी बेटी को खोजिए, कुछ तो अनहोनी हुई है
गणेश यादव का स्पष्ट कहना है कि “मेरी बेटी को ससुराल वालों ने साजिश के तहत गायब कर दिया है।” उनका यह भी आरोप है कि बेटी के साथ कुछ अनहोनी हुई है, जिसकी साजिश रचने में पूरा ससुराल पक्ष शामिल है।
वह अब लगातार दरभंगा और मेरठ के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही। बेटी रीता कुमारी का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है।
बड़ा सवाल: यदि बेटी शौचालय गई थी, तो फिर लौटी क्यों नहीं?
पूरा मामला एक रहस्य बन चुका है—जहां एक पिता रेलवे स्टेशन पर तीन घंटे तक अपनी बेटी का इंतजार करता रहा, और दामाद केवल यह कहकर गायब हो गया कि वह उसे लेकर आ रहा है।
क्या यह जबरन गुमशुदगी है? हत्या? या मानव तस्करी का हिस्सा?
इस सवाल का जवाब तब तक नहीं मिलेगा, जब तक कि पुलिस गहन जांच न करे।
पुलिस और प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक महिला की गुमशुदगी को लेकर तीन दिनों तक थाना कोई कार्रवाई नहीं करता, और फिर मामला जिले-दर-जिले घुमाया जाता है। यह प्रशासनिक लापरवाही नहीं तो और क्या है?
अब तक के मुख्य तथ्य –
विवाहिता रीता कुमारी 9 जून 2025 को रहस्यमयी तरीके से लापता
पिता गणेश यादव के अनुसार दामाद ने स्टेशन बुलाकर बच्चे को सौंपा और फिर गायब
थाने में तीन दिन तक शिकायत दी गई, फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं
बीआरपी ने आवेदन लिया लेकिन कार्रवाई मेरठ पर टाल दी गई
रीता का अब तक कोई पता नहीं
परिजन की मांग – “मेरी बेटी को ढूंढिए, हमें न्याय चाहिए”
गणेश यादव प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी बेटी को जल्द से जल्द खोजा जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक रीता कुमारी का कोई पता नहीं चल पाया है।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट