पंचकूला, 23 जुलाई 2025
मोरनी गेस्ट हाउस एंड रेस्टोरेंट वेलफेयर एसोसिएशन (पंजी. 02296) ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मोरनी क्षेत्र में संचालित होटलों और रेस्टोरेंट्स को हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर विशेष राहत प्रदान करने व उन्हें नियमित (रेगुलराइज) किए जाने की मांग की है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने ज्ञापन में लिखा है कि 20 दिसंबर 2018 से उनकी मांग लगातार जारी है और 4 जनवरी 2019 को स्वयं मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री के समक्ष प्रस्तुत होकर इस संबंध में आवेदन भी दिया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर वर्ष 2019-20 में संबंधित विभागों द्वारा सर्वेक्षण तो कर लिया गया, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। उल्टा, अब प्रशासन द्वारा गेस्ट हाउस मालिकों को तरह-तरह के नोटिस देकर परेशान किया जा रहा है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा अब तक लगभग 22 गेस्ट हाउस सील कर दिए गए हैं, और बाकी को भी सील करने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, पोलूशन कंट्रोल बोर्ड, सिंचाई विभाग, वन विभाग और PWD द्वारा बिजली-पानी की सप्लाई काटने के आदेश भी दिए जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र में रोजगार पूरी तरह खत्म होने की आशंका है।
एसोसिएशन ने 7 अक्टूबर 2020 को शपथ पत्र देकर यह भी घोषित किया था कि वे सरकार द्वारा निर्धारित सभी शुल्क देने को तैयार हैं, लेकिन फिर भी नियमितीकरण की प्रक्रिया लंबित है। उन्होंने मांग की है कि 2009 की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग पॉलिसी को दोबारा लागू किया जाए या नई नीति बनाकर सभी भवनों को नियमित किया जाए।
इसके साथ ही, उन्होंने हिमाचल प्रदेश की “शेड्यूल रोड पॉलिसी” की तर्ज पर हरियाणा में भी “होम स्टे” या “बेड एंड ब्रेकफास्ट” नीति के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन की सुविधा देने की अपील की है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
एक प्रति यह ज्ञापन स्थानीय विधायक को भी सौंपा गया है, साथ ही पहले दिए गए सभी प्रार्थना पत्र, 2009 की नीति की प्रति, शपथ पत्र व हिमाचल की पॉलिसी की प्रतियों को संलग्न कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है।
ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा स्टेट हेड देव दर्शन शर्मा की रिपोर्ट