बांदा जिले के बदौसा थाना क्षेत्र के गजपति खुर्द गांव से आई ये खबर सिर्फ एक मां पर हुए अत्याचार की कहानी नहीं है, ये उस सामाजिक गिरावट का आईना है, जिसमें खून के रिश्ते भी अब स्वार्थ और क्रूरता में बदलते जा रहे हैं।
सोचिए जरा...
एक मां शकुंतला देवी, जिनका कसूर बस इतना था कि उन्होंने अपनी बेटी की मोटरसाइकिल और कुछ पैसे अपने बेटे राजेश से वापस मांग लिए। लेकिन उस मांग का जवाब उन्हें क्या मिला?
बेरहमी से पिटाई, जानलेवा हमला, और धमकी – “अगर पुलिस में शिकायत की, तो जान से मार देंगे!”
राजेश ने न सिर्फ मां को मारा, बल्कि मोटरसाइकिल तोड़ी, मोबाइल की सिम निकाली और अपनी हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। ये सब कुछ अकेले नहीं, बल्कि अपने साथी संतोष के साथ मिलकर किया गया। और अब हालात ऐसे हैं कि मां घायल हालत में थाने पहुंची और न्याय की भीख मांग रही है।
क्या यही है हमारा समाज?
क्या ऐसी मांओं के लिए कोई कानून नहीं?
क्या पुलिस का काम डराना और दबाव बनाना है?
शकुंतला देवी का कहना है कि पुलिस मदद करने के बजाय केस वापस लेने का दबाव बना रही है।
परिवार का दूसरा बेटा कहता है कि मां की हालत गंभीर है, और अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ गई है।
अब सवाल ये है –
क्या इस मां को इंसाफ मिलेगा?
क्या राजेश और उसके साथी पर कड़ी कार्रवाई होगी?
या एक बुजुर्ग महिला की पुकार यूं ही दबा दी जाएगी?
क्या है पूरा मामला
मां ने मांगा हक, बेटे ने बरपाया कहर – घायल हालत में मां ने मांगा इंसाफ
गजपति खुर्द, बांदा (उत्तर प्रदेश), 10 मई 2025:
बांदा जिले के बदौसा थाना क्षेत्र के गजपति खुर्द गांव में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। एक मां जब अपनी ही बेटी की मोटरसाइकिल और ₹40,000 रुपये वापस मांगने गई, तो बेटे ने उसे बेरहमी से पीट डाला।
पीड़िता शकुंतला देवी, पत्नी देवी दिन, ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके बेटे राजेश ने अपने साथी संतोष (पुत्र पन्नू लाल यादव) के साथ मिलकर बीती रात करीब 10 बजे उन पर जानलेवा हमला किया। शकुंतला देवी का आरोप है कि राजेश के पास बेटी पुष्पा की मोटरसाइकिल और नकदी थी, जिसे वापस मांगने पर उसने हिंसा पर उतरते हुए न केवल उन्हें पीटा, बल्कि मोटरसाइकिल को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
इतना ही नहीं, मोबाइल की सिम निकाल दी गई और खुलेआम धमकी दी गई कि अगर पुलिस में शिकायत की तो अंजाम भुगतने को तैयार रहो।
शकुंतला देवी ने यह भी आरोप लगाया है कि राजेश ने घर की संपत्ति पर जबरन कब्जा कर रखा है और वह उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता है।
घायल हालत में शकुंतला देवी किसी तरह थाने तक पहुँचीं, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस मदद करने के बजाय उन्हें ही दबाव में लेने की कोशिश कर रही है कि केस वापस ले लिया जाए।
परिवार के दूसरे बेटे ने बताया कि मां की हालत बेहद नाजुक है और उन्हें तुरंत इलाज की आवश्यकता है।
अब देखना ये है कि क्या पुलिस समय रहते कार्रवाई करती है या एक और बुजुर्ग मां को सिस्टम की बेरुखी का शिकार होना पड़ेगा।
समाज को, प्रशासन को और हम सबको इस पर गंभीरता से सोचना होगा।
क्योंकि जब बेटा ही भक्षक बन जाए, तो मां कहां जाए?
मैं आप सबसे अपील करता हूं –
आइए आवाज़ उठाएं, इस मां को न्याय दिलाएं।