गाँव: कांडाबेर | पोस्ट: कांडाबेर | थाना: केरेडारी | जिला: हजारीबाग
कांडाबेर गाँव की निवासी रानी कुमारी (24) पिछले आठ वर्षों से अपने पति राजकुमार पासवान के साथ विवाहित रहीं। उनके तीन बच्चे हैं — दो जुड़वा पुत्र (5 वर्ष) और एक पुत्री (7 वर्ष)। रानी कहती हैं कि शादी से पहले उन्हें अपने पति के कुछ संबंधों की जानकारी थी, पर आशा थी कि शादी के बाद हालात ठीक होंगे। आठ साल बीतने के बाद भी व्यवहार नहीं बदला तो मानसिक और भावनात्मक कष्ट झेलकर उन्होंने अलग रहने का निर्णय लिया।
रानी के अनुसार, घर छोड़ने के तुरंत बाद उनके पति ने उनके तीनों बच्चों को उनसे छीन लिया और कहा, “तुम जहां जाना चाहो जाओ, लेकिन बच्चे हमारे पास रहेंगे।” तब से रानी न केवल बच्चों से मिल पाने में असफल रही हैं, बल्कि उनके पति उनसे बातचीत तक नहीं कर रहे।
रानी अब लगभग पाँच महीने से अपने ससुराल के ही गाँव के युवक अजय कुमार साहू के साथ रह रही हैं। अजय ने रानी को नैतिक और व्यावहारिक रूप से सहयोग दिया है और बच्चों की कस्टडी हासिल करने में उनकी मदद कर रहे हैं। अजय के समर्थन से रानी मानसिक रूप से सशक्त बनी हुई हैं और अपने बच्चों के लिये न्याय पाने की कोशिश कर रही हैं।
रिपोर्टरों से बातचीत में रानी ने कहा, “मुझे अपने बच्चों के साथ रहना है। मैं उनके भविष्य के लिए हर संभव कोशिश कर रही हूँ। प्रशासन से मेरी गुहार है कि मुझे न्याय दिलाया जाए ताकि मैं अपने बच्चों के साथ सुरक्षित जीवन जी सकूं।”
हालाँकि मामला और संवेदनशील तब हुआ जब रानी और अजय दोनों के परिवारों में यह स्थिति असंतोष और नाराज़गी पैदा हो गयी। रानी का आरोप है कि दोनों परिवारों की ओर से उन पर शारीरिक अत्याचार होने की घटनाएँ हुईं और उन्हें व अजय को जान से मारने की धमकियाँ भी दी गईं। रानी व अजय दोनों ने कहा कि पारिवारिक संघर्ष के चलते हालात भयावह हो चले हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता बढ़ गयी है।
स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि बच्चों की कस्टडी जैसे मामलों में कानून के तहत माता-पिता दोनों के अधिकारों का सम्मान किया जाता है और मामले की निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। पुलिस ने कहा कि अगर धमकियाँ और मारपीट के प्रमाण मिलते हैं तो कठोर कार्रवाई की जाएगी और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। (प्राथमिक पड़ताल जारी है।)
यह मामला उन कई महिलाओं और बच्चों के लिये चेतावनी है जो पारिवारिक विवाद और कस्टडी से जुड़े संघर्षों का सामना कर रही हैं। रानी कुमारी का कहना है कि वह अपने हक़ और बच्चों के भविष्य के लिये लड़ाई जारी रखेंगी और उम्मीद करती हैं कि प्रशासन व समाज उन्हें सुरक्षा और न्याय दिलाएंगे।
समाप्त — प्रशासन से निवेदन है कि मामले की त्वरित, निष्पक्ष और संवेदनशील जांच कर दोनों पक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए; साथ ही प्रभावित परिवारों को वैधानिक सहायता व मनोवैज्ञानिक समर्थन मुहैया कराया जाए ताकि हिंसा और जानमाल की धमकियों का तुरन्त अंत हो सके।




