कुशीनगर, उत्तर प्रदेश | रामकोला:
धर्म और आस्था की मिसाल पेश करते हुए रामकोला क्षेत्र के पपऊर गांव निवासी मुस्लिम दंपति मैनुद्दीन और उनकी पत्नी तसेरून निशा ने अपने 10 वर्षीय पुत्र सलमान का मुंडन संस्कार हिंदू परंपरा के अनुसार मां धर्मसमधा देवी मंदिर में करवाया। यह कदम धार्मिक सहिष्णुता और गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक बन गया, लेकिन कुछ कट्टरपंथी सोच के लोग इसे सहन नहीं कर पाए।
11 साल पुरानी मन्नत हुई पूरी, मंदिर में पूजा कर मुंडन कराया
मैनुद्दीन दंपति ने बताया कि 11 वर्ष पूर्व नवरात्रि के दौरान उन्होंने नंगे पांव चलकर मां धर्मसमधा देवी से संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी थी। जब पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तो उन्होंने तय किया कि मुंडन भी उसी मंदिर में करवाएंगे। परिवार की स्थिति सुधरने पर सोमवार को वे गाजे-बाजे के साथ मंदिर पहुंचे, विधिवत पूजा-अर्चना की और सलमान का मुंडन संस्कार संपन्न कराया।
माता को हलवा-पूड़ी का भोग चढ़ाया गया और मंदिर परिसर में पूरे श्रद्धा भाव से आशीर्वाद लिया गया। इस मौके पर भाजपा विधायक विनय गोंड सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।
कथित समाज ने किया बहिष्कार, जान से मारने की धमकियां, पुलिस पर भी सवाल
इस सौहार्दपूर्ण कार्य के बाद परिवार को जहां एक ओर सराहना मिली, वहीं दूसरी ओर उन्हें समाज के कुछ कट्टरपंथियों का सामना भी करना पड़ा। परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें ना सिर्फ पीटा गया बल्कि वीडियो वायरल कर उन्हें बदनाम भी किया गया।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि पीड़ित परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मैनुद्दीन ने बताया कि उन्होंने रामकोला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
परिवार का यह भी आरोप है कि स्थानीय पुलिस अधिकारी उन पर समझौते का दबाव बना रहे हैं, जबकि धमकी देने वाले लोग खुलेआम घूम रहे हैं।
“हमें सुरक्षा चाहिए, हमें इंसाफ चाहिए” — पीड़ित परिवार की मुख्यमंत्री से गुहार
पीड़ित मैनुद्दीन ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कुशीनगर जिला प्रशासन, और पुलिस विभाग से सुरक्षा और न्याय की मांग की है। उन्होंने कहा,
> “हमने सिर्फ मन्नत पूरी की है, किसी धर्म का अपमान नहीं किया। हमारी आस्था की सजा हमें ना दी जाए।”