गरीबी से जूझता परिवार: 15 वर्षों से बदहाली में जी रहा मथुरा के सुरेश का परिवार
मथुरा (उत्तर प्रदेश), विशेष संवाददाता।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के चंदौली क्षेत्र निवासी सुरेश (उम्र 45 वर्ष), पिता व्यासी, बीते 15-16 वर्षों से आर्थिक तंगी और पारिवारिक समस्याओं से बुरी तरह जूझ रहे हैं। उनका परिवार लगातार बदहाली और उपेक्षा का सामना कर रहा है, लेकिन आज तक न तो कोई सरकारी मदद मिली और न ही कोई सामाजिक सहायता का हाथ आगे बढ़ा।
सुरेश की पत्नी रजनी देवी और उनकी तीन बेटियां हैं। पूरे परिवार की आजीविका का कोई स्थायी साधन नहीं है। सुरेश खुद भी बीमारियों से ग्रस्त हैं, लेकिन पैसों की तंगी के कारण इलाज तक नहीं करवा पा रहे हैं। ना दवा, ना डॉक्टर—मजबूरी में घर पर ही जैसे-तैसे जिंदगी काट रहे हैं।
घर में कमाने वाला कोई नहीं है। बड़ी-बड़ी उम्मीदों से बेटियों को पढ़ाने की कोशिश की जाती है, लेकिन शिक्षा सामग्री, फीस और दैनिक जरूरतों का खर्च उठा पाना इस परिवार के लिए लगभग नामुमकिन हो चुका है। एक समय का भोजन जुटाना तक मुश्किल होता है।
सुरेश बताते हैं, “हमने कई बार सरकारी योजनाओं के तहत मदद के लिए आवेदन किया, लेकिन न तो राशन की सही आपूर्ति होती है, न ही कोई आवास मिला, और न ही स्वास्थ्य सुविधा। हम गरीब हैं, इसीलिए शायद हमें कोई नहीं सुनता।”
गांव के लोगों का कहना है कि सुरेश का परिवार बेहद ईमानदार और मेहनती है, लेकिन भाग्य और हालात ने इनका साथ नहीं दिया। उनके घर की हालत जर्जर हो चुकी है, छत से बारिश का पानी टपकता है, और किसी भी दिन गिर सकती है।
अब सवाल उठता है:
कब तक सुरेश जैसे परिवार इस तरह की उपेक्षा का शिकार होते रहेंगे?
कब सरकारी योजनाएं इन गरीब परिवारों तक सही तरीके से पहुंचेंगी?