केरल जिला पलक्कड़ वहां की एक लड़की रहने वाली निमिषा प्रिया 2008 में पढ़ाई पूरी कर ली और नर्स का कोर्स किया और फिर वह वहां पर सरकारी हॉस्पिटल वहीं जॉब लग गया और वहीं पर नर्स का काम करना शुरू कर दिया फिर 2011 में उसकी शादी हो गई फिर निमिषा प्रिया को विदेश जाने का सपना रहा फिर यमन देश से लेटर आया फिर वह यमन देश चली गई अपने पति के साथ राजधानी सना में निशा प्रिया हॉस्पिटल में जॉब करने लगती है और उसका पति टैक्सी वाहन ड्राइवर में जॉब करता है और टैक्सी वाहन चलना है निमिषा प्रिया को दो बच्चे पैदा हुए फिर उसका पति 2014 में बच्चों को लेकर इंडिया केरल वापस आ गया निमिषा प्रिया वहीं रहने लगती है और हॉस्पिटल में जॉब करती है फिर निमिषा प्रिया की वहां के एक व्यक्ति से दोस्ती हो जाती है जिसका नाम दलाल अब्दुल मेहंदी होता है निमिषा प्रिया दलाल अब्दुल मेहंदी से कहती है कि हम अपना नर्सिंग होम या हॉस्पिटल क्यों न खोले निमिषा प्रिया और दलाल अब्दुल मेहंदी अप्रैल 2015 में अपना एक क्लीनिक हॉस्पिटल पार्टनरशिप में खोल लेते हैं और यहां पर उनका हॉस्पिटल अच्छी से चलना शुरू हो जाता है फिर दलाल अब्दुल मेहंदी फंड पैसे से हेरा फेरी करना शुरू कर देता है और फिर निमिषा प्रिया दलाल अब्दुल मेहंदी से बोलती है कि फंड पैसे से हेरा फेरी करोगे तो एक दिन हॉस्पिटल बंद हो जाएगी फिर दोनों के बीच विवाद बढ़ना शुरू हो गया और फिर हॉस्पिटल में नुकसान घटा लगना शुरू हो गया और फिर दोनों के बीच में झगड़ा बढ़ता गया और दलाल अब्दुल मेहंदी निमिषा प्रिया के ऊपर हाथ भी उठा दिया और मारा पीटा भी फिर बात इतनी बढ़ गई कि निमिषा प्रिया अब उससे अलग होना चाहती रही दलाल अब्दुल मेहंदी उसका पासपोर्ट और वीजा अपने पास रख लिया रहा निमिषा प्रिया इंडिया वापस आना चाहती रही दलाल अब्दुल मेहंदी निमिषा प्रिया को गुलाम बनाकर रखना चाहता था और पासपोर्ट वीजा वापस नहीं कर रहा था निमिषा प्रिया ने सोचा कि दलाल अब्दुल मेहंदी से पासपोर्ट वापस लेने का एक ही सही तरीका है उसको मैं नशे का इंजेक्शन दे दूंगी और उसके घर से पासपोर्ट वीजा को लेकर इंडिया वापस चली जाऊंगी और फिर निमिषा प्रिया ने अब्दुल मेहंदी को एक बेहोशी का इंजेक्शन दे दिया और पासपोर्ट वीजा मिल जाता है और पासपोर्ट वीजा लेकर निकल जाती है और दलाल अब्दुल मेहंदी को इंजेक्शन का ज्यादा डोज लगाने से उसकी मृत्यु हो जाती है और फिर वही की पुलिस ने चार दिन के बाद घटना का सीसीटीवी कैमरा चेक किया इस घर में कौन-कौन आया है और फिर पुलिस बुलाती है पूछताछ करती है फिर निमिषा प्रिया पुलिस वाले को अपना बयान देती है कि मेरा वीजा पासपोर्ट अपने पास रख लिया है और दे नहीं रहा था और मेरे ऊपर जुर्म करता रहा और मारता-पीटता रहा और मैं इससे अपना पासपोर्ट वीजा लेने के लिए मैं इसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया जिससे मैं पासपोर्ट वीजा इससे ले सकूं मेरा यह इरादा नहीं था कि इसकी इसकी जान लेने के हिसाब से इंजेक्शन नहीं दी थी और हादसा हो जाता है और फिर वही की पुलिस निमिषा प्रिया को गिरफ्तार कर लेती है और अदालत में कैसे पेश कर देती है फिर 2020 को निचली अदालत से निमिषा प्रिया को सजाये मौत की सजा सुनाती है फिर 2023 में वहां के हाईकोर्ट ने इनकी सजा को सजाये मौत बरकरार रखी सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी सजा को सजाये मौत बरकरार रखी फिर सुप्रीम कोर्ट के बाद वहां के प्रेसिडेंट के पास मर्सी प्रोडीसन लगाई गई और सजाये मौत माफ कर दी जाए वहां के प्रेसिडेंट ने निमिषा प्रिया को माफी देने से इनकार कर दिया 31.12.2024 को अब यह है हुआ कि निमिषा प्रिया को सजाये मौत दी जाएगी 31.01.2025 के पहले निमिषा प्रिया को गोली मार कर सजाए मौत दी जाएगी यह एक
यमन देश है इतना कड़ा कानून है निमिषा प्रिया ने अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए दलाल अब्दुल मेहंदी जिसको बेहोशी का इंजेक्शन दिया और उसके साथ एक मजबूरी रही उसको दलाल अब्दुल मेहंदी की हत्या करने का कोई मकसद नहीं रहा वे अनजाने में नशे का डोज ज्यादा हो गया और दलाल अब्दुल मेहंदी की मृत्यु हो गई इसलिए आज उसके साथ मौत मडरा रही है हमारे भारतवर्ष में स्वास्थ्य चिकित्सालय प्राइवेट हॉस्पिटल में हमेशा मोते होती रहती हैं यहां की जनता पब्लिक चिल्लाती रहती है धरना प्रदर्शन होता रहता है आज तक हिंदुस्तान में किसी डॉक्टर को सजाये मौत की सजा नहीं हुई है और सजा मिली भी है तो मामूली सजा मिली हैं जबलपुर सिटी हॉस्पिटल 2021 कोरोना कल में मरीजों को नकली इंजेक्शन रेमदे सीविर लगाया गया कई मरीजों की मौतें हो गई सिटी हॉस्पिटल उस मौतों के बाद उस अस्पताल की सभी मीडिया में न्यूज लगातार चलती रही सिटी हॉस्पिटल का प्रबंधन सरबजीत मोखा को पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तार किया और सरब जीत मोखा के ऊपर चार्ज सीट तैयार की गई फिर कोर्ट में केश एवं चार्ज सीट पुटअप हुई सरबजीत मोखा को कुछ दिनों के बाद कोर्ट से जमानत मिल गई और वह कानून के पिंजरे से आजाद हो गया एक शहडोल में श्री राम हेल्थ केयर सेंटर हॉस्पिटल है उस प्राइवेट हॉस्पिटल में डिलीवरी और डायलिसिस के कारण हमेशा मोत होती रहती हैं कई महिलाओं की मौतें हो चुकी है माननीय उच्च न्यायालय से आदेश भी हुआ रहा कि उसे प्राइवेट हॉस्पिटल की जांच की जाए स्वास्थ्य चिकित्सालय का सीएमएचओ एस सागर झूठी रिपोर्ट झूठा एफिडेविट बनाकर माननीय उच्च न्यायालय में जाकर पेश किया एक युवती का स्कूटी से जिला उमरिया में एक्सीडेंट हो गया और उसके जबड़े में हल्की सी चोटें आई थी उनको जबलपुर हॉस्पिटल जबलपुर ले जाया गया उसका इलाज करवाने के लिए वहां के डॉक्टरों ने बोला कि ऑपरेशन करना पड़ेगा और ऑपरेशन के पहले बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया और डोज ओवर हो गया उस युवती की मृत्यु हो गई और उस युवती की चोटे हल्की रही और चोंटे गंभीर नहीं थी भारत वर्ष में जो कानून बनता है डॉक्टरों और अस्पताल के ऊपर उसमें हल्की सी धाराएं बनी है और सजाये मौत एवं फांसी देने का प्रावधान है ही नहीं। डॉक्टर के ऊपर सांसद और राज्यसभा में जब कोई कानून बनता है तो सांसद और राज्यसभा में चिल्ला-चिल्ला कर बोलेंगे भारी ध्वनि से कहेंगे कानून पास हो गया है क्योंकि डॉक्टरों और हॉस्पिटलों के ऊपर इसलिए कड़ा कानून नहीं बनाते हैं क्योंकि नेताओं को इन लोगों से अपना चुनाव लड़ने के लिए डोनेशन चंदा इन लोगों से ही मिलता है और हॉस्पिटल वाले डॉक्टर लोग देते हैं इसलिए सिटी हॉस्पिटल जबलपुर का प्रबंधक सरबजीत मौखा एवं श्री राम हेल्थ केयर सेंटर शहडोल का प्रबंधक विजय द्विवेदी यह लोग आज हत्यारे आजाद घूम रहे हैं और य मन देश में इतना कड़ा कानून बनाया गया है
राजेश कुमार विशिंदासनी शहडोल मध्य प्रदेश