सुलतानपुर | संवाददाता
धम्मौर थाना क्षेत्र के उघरपुर गांव में पुलिस की दबंगई और न्यायिक आदेशों की खुली अवहेलना का मामला सामने आया है। पीड़ित मनसाराम पुत्र सरजू प्रसाद ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र सौंपकर आरोप लगाया है कि उनके घरेलू उपयोग की जमीन पर पड़ोसी जबरन कब्जा करना चाह रहे हैं, जिसमें पुलिस ने न सिर्फ साथ दिया, बल्कि खुद मौजूद रहकर तोड़फोड़ भी करवाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनसाराम के अनुसार उनके घर से सटी आवादी की जमीन है, जिसका उपयोग वह वर्षों से जानवर बांधने, ईंट रखने और स्नान घर आदि के रूप में करते आ रहे हैं। इसी भूमि को लेकर उनका विवाद पड़ोसी राजाराम पुत्र लौटन और उनके बेटों प्रेमचंद्र, रमेश, और शारदा से है। इस विवाद को लेकर मनसाराम ने दीवानी न्यायालय में 13 मई 2022 को वाद संख्या 03/2022 दर्ज कराया था, जो फिलहाल विचाराधीन है।
लेकिन पीड़ित के मुताबिक, मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद विपक्षीगण जमीन पर कब्जा करने की फिराक में हैं। मनसाराम का गंभीर आरोप है कि धम्मौर थाने के हेड कांस्टेबल हीरामन साहनी एक सप्ताह पूर्व कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के साथ उनके घर पहुंचे और अपनी मौजूदगी में विपक्षी पक्ष से जमीन में जबरन तोड़फोड़ करवाई। पीड़ित द्वारा इस पूरी घटना का वीडियो बनाने पर पुलिसकर्मी ने उनका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया और नाली में फेंक दिया।
इतना ही नहीं, मनसाराम का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनके परिवार को अश्लील गालियां दीं और धमकी दी कि अगर ज्यादा बोले तो पूरे परिवार पर मुकदमा लिखवाकर जीवन बर्बाद कर देंगे।
पीड़ित ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सिविल वाद लंबित रहने की स्थिति में पुलिस प्रशासन को जमीन में किसी भी प्रकार की हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होती। लेकिन धम्मौर थाने के पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ इस आदेश की अनदेखी की बल्कि खुलेआम मनमानी करते हुए न्याय प्रक्रिया को ही ठेंगा दिखा दिया।
इस मामले को लेकर अब क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है। पीड़ित ने जिलाधिकारी से मांग की है कि जब तक दीवानी वाद का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक पुलिस को मामले में हस्तक्षेप से रोका जाए और दोषी पुलिसकर्मियों — खासकर हेड कांस्टेबल हीरामन साहनी और उनके सहयोगियों — के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
बड़ा सवाल यह है कि जब न्यायालय की निगरानी में मामला विचाराधीन है, तो पुलिस किस अधिकार से कार्रवाई कर रही है? क्या धम्मौर थाने में न्यायिक प्रक्रिया से ऊपर उठकर ‘स्थानीय सत्ता’ का नया चेहरा उभर रहा है?
इस पूरे मामले ने स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जिलाधिकारी से मांग:
धम्मौर थाने की भूमिका की जांच
दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई
पीड़ित परिवार को सुरक्षा
अब देखना यह है कि सुलतानपुर प्रशासन इस गंभीर प्रकरण में क्या कदम उठाता है, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट