मुंबई। कांदिवली ईस्ट स्थित ठाकुर कॉम्प्लेक्स की स्याना बिल्डिंग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां उत्तर प्रदेश के अयोध्या से आए एक युवक से नौकरी के नाम पर और काम के ₹31,000 की ठगी हुई है, पीड़ित आलोक कुमार पाठक (उम्र 28 वर्ष), जो कि बीते डेढ़ साल से मुंबई में रह रहे हैं, वर्तमान में ठाकुर ज्वेलर्स में कार्यरत हैं। उन्होंने इस संबंध में कई बार शिकायत भी की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
आलोक कुमार ने आरोप लगाया है कि ईवीएस नामक एक कंपनी में काम दिलाने के नाम पर खुद को मैनेजर बताने वाले सिद्धार्थ नायर नामक व्यक्ति ने उनसे ₹20,000 नगद लिए थे। वादा किया गया था कि उन्हें दूध बांटने, कैंपस के अंदर कपड़े प्रेस करने और पेपर बांटने जैसे हल्के-फुल्के काम बिल्डर से एलॉट करा दिए जाएंगे, साथ ही ₹11,000 मासिक सैलरी का भी भुगतान नहीं किया है।
मगर हकीकत इससे बिल्कुल उलट निकली। न तो वादा किया गया काम मिला और न ही सैलरी की तय राशि। उल्टे सिद्धार्थ नायर द्वारा ₹18,500 सैलरी की बात कर चार छुट्टियों की सैलरी काट ली गई और अब तक लगभग कुल ₹31,000 की रकम बकाया है। बार-बार संपर्क करने के बावजूद नायर टालमटोल करते रहे और अब मोबाइल भी नहीं उठा रहे।
जब आलोक ने सीधे ईवीएस कंपनी से बात की तो वहां से बताया गया कि “आपका पेमेंट सिद्धार्थ नायर ने ही रोक रखा है, कंपनी की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया।” इससे साफ है कि यह ठगी सीधे तौर पर सिद्धार्थ नायर द्वारा की गई है, जो कंपनी की आड़ में बेरोजगार युवाओं से पैसे ऐंठने का काम कर रहे हैं।
इस पूरे मामले ने सुरक्षा गार्ड जैसे मेहनतकश युवाओं की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। काम के झांसे में फंसाकर उनसे पहले पैसे लेना, फिर काम न देना और वेतन काटना – यह पूरा प्रकरण धोखाधड़ी और जबरन वसूली की ओर इशारा करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। जरूरत है कि प्रशासन ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करे ताकि किसी और को इस तरह की आर्थिक और मानसिक चोट न झेलनी पड़े।
अगर समय रहते पुलिस और श्रम विभाग ने संज्ञान नहीं लिया तो यह ‘ठग नेटवर्क’ और भी लोगों को निशाना बना सकता है। पीड़ित आलोक कुमार पाठक ने अब न्याय के लिए कानून का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।
मुंबई जैसे महानगर में बाहर से आए मेहनतकश युवाओं के साथ इस तरह का बर्ताव बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे मामलों में प्रशासन की चुप्पी और कंपनी की अनदेखी पर सवाल उठना लाजिमी है।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट