नोएडा: देश में जहां श्रमिकों के अधिकारों की बात होती है, वहीं एनडीएस सिक्योरिटी सर्विसेज में काम कर रहे सिक्योरिटी गार्ड रौनक अली दो महीने से अपने वेतन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। जनवरी में 31 दिन लगातार ड्यूटी करने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं मिला और फरवरी में भी बिना भुगतान के काम कराया गया। कंपनी का रवैया बेहद लापरवाह है, अधिकारी सिर्फ “दे देंगे, दे देंगे” कहकर उन्हें टालते जा रहे हैं, लेकिन वेतन जारी नहीं किया गया।
परिवार के इकलौते कमाने वाले, खाने तक के लाले पड़े
रौनक अली बहुत गरीब परिवार से आते हैं और घर में कमाने वाले अकेले सदस्य हैं। पूरा परिवार उन्हीं पर निर्भर है, लेकिन दो महीने से बिना वेतन के जीना मुश्किल हो गया है।
बिजली का बिल बकाया है।
राशन खरीदने तक के पैसे नहीं बचे।
घर का किराया देने में भी परेशानी हो रही है।
एनडीएस सिक्योरिटी की लापरवाही से कर्मचारियों में गुस्सा
एनडीएस सिक्योरिटी जैसी बड़ी एजेंसी अगर अपने ही कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे रही, तो यह श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन है। सिक्योरिटी गार्ड दिन-रात अपनी ड्यूटी करते हैं, लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, लेकिन जब उनकी खुद की आर्थिक सुरक्षा दांव पर लग जाती है, तो इसे शोषण नहीं तो और क्या कहेंगे?
रौनक अली जैसे कई कर्मचारी सिर्फ आश्वासन पर नहीं जी सकते, उन्हें उनका हक चाहिए। सवाल यह है कि अगर सिक्योरिटी गार्ड्स ही भूखे रहेंगे, तो वे दूसरों की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे?
प्रशासन और मीडिया से अपील
रौनक अली ने प्रशासन, पुलिस और मीडिया से अपील की है कि इस मामले को संज्ञान में लिया जाए और कंपनी को कर्मचारियों का बकाया वेतन जल्द से जल्द देने का निर्देश दिया जाए।
अगर एनडीएस सिक्योरिटी सर्विसेज की यही नीति रही, तो भविष्य में अन्य कर्मचारी भी अपनी नौकरी छोड़ सकते हैं या विरोध करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में श्रमिकों के हक में कोई ठोस कदम उठाता है या फिर गरीब कर्मचारी यूं ही शोषण का शिकार होते रहेंगे?