अतर्रा (बाँदा) | विशेष रिपोर्ट
बाँदा जिले के अतर्रा कोतवाली क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। 20 वर्षीय पूजा वर्मा ने पड़ोस के युवक की लगातार हरकतों और उसकी पत्नी द्वारा किए गए चरित्र हनन के आरोपों से तंग आकर रेलवे ट्रैक पर कूदकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने बार-बार पुलिस को आवेदन दिया, लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई। दुखद यह कि आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं
रात 1 बजे घर में घुसा पड़ोसी, सीढ़ियों के पास खड़ा मिला
तहरीर के अनुसार, 29 अक्टूबर 2025 को रात 1 बजे, पूजा अपने घर में अकेली सो रही थी। तभी अचानक उसे घर के अंदर आहट सुनाई दी। उसने देखा कि राजेश वर्मा पुत्र रामप्रसाद, जो पड़ोस में रहता है, उसके घर की सीढ़ियों के पास खड़ा था।
जैसे ही पूजा ने चीख लगाई, आरोपी मकान की पिछली दीवार कूदकर भाग गया।
शाम होते ही नया अपमान — “तुम धंधा करवाती हो…”
पूजा इस घटना से पहले ही सदमे में थी, लेकिन तभी उसी दिन शाम को, आरोपी की पत्नी समुदी ने उसे अपमानित करते हुए कहा—
“तुम धंधा करवाती हो!”
यह चरित्र हनन पूजा के लिए असहनीय बन गया।
परिवार ने बताया कि पूजा इस आरोप से अंदर तक टूट गई थी।
अपमान और डर से टूटी पूजा ने उठाया खौफनाक कदम
उसी रात 29 अक्टूबर, अपमान, डर और मानसिक उत्पीड़न से टूट चुकी पूजा अतर्रा रेलवे स्टेशन पहुँची…
और रात 8 बजे तेज गति से आ रही ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी।
घटना देखकर स्टेशन पर मौजूद लोग सन्न रह गए।
पिता का दर्द — “अगर पुलिस एक बार सुन लेती, तो मेरी बेटी जिंदा होती”
मृतका के पिता रामेश्वर वर्मा ने पुलिस को दिए बयान में कहा—
उन्होंने कई बार शिकायत दी
बेटी के साथ हो रही छेड़छाड़ व बदनामी पर कार्रवाई की गुहार लगाई
लेकिन उनकी तहरीर को गंभीरता से नहीं लिया गया
पीड़ित पिता का कहना है—
“हमें हर जगह दौड़ाया गया, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। मेरी बेटी इंसाफ के लिए तड़पती रही, और अंत में मरने को मजबूर हो गई।”
तहरीर दर्ज पर भी कार्रवाई झूलती… आरोपी बेखौफ घूम रहे
परिवार का बड़ा आरोप यह भी है कि—
प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद
न तो गिरफ्तारी हुई,
न ही किसी तरह की कड़ी कार्रवाई
आरोपी राजेश वर्मा और उसकी पत्नी अब भी बेखौफ खुलेआम घूम रहे हैं
स्थानीय लोगों में भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि यह साफ मामला उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना की वजह से आत्महत्या का है, लेकिन कार्रवाई नदारद है।
पुलिसकर्मी ने तहरीर सही होने की पुष्टि की
I.I.F.-1 के अनुसार, तहरीर को कांस्टेबल यशवंत सिंह (पीएनओ 182100778) ने स्वयं लिखवाया और यह भी प्रमाणित किया कि विवरण सही है।
मामला प्रभारी निरीक्षक ऋषिदेव सिंह के आदेश पर दर्ज किया गया।
लेकिन सवाल अभी भी वही है—
दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं?
न्याय की मांग पर अडिग परिवार — “जब तक दोषी जेल नहीं जाएंगे… पूजा की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी”
परिवार ने कहा—
“हम डर के साए में जी रहे हैं। आरोपी हमें धमकाते हैं और पुलिस चुप है। हमारी बेटी को न्याय दिलाकर ही हम चैन से सो पाएंगे।”
क्या अब जागेगी पुलिस?
पूजा की मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि पुलिस की अनदेखी और समाज की संवेदनहीनता का काला सच है।
अब पूरा क्षेत्र पूछ रहा है—
कब होगी गिरफ्तारी?
कब मिलेगा परिवार को न्याय?
कब थमेगी ऐसे मामलों में पुलिस की लापरवाही?
पूजा की मौत न्याय की मांग कर रही है… अब फैसला सिस्टम को लेना है।
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