सीतापुर जिले के सदरपुर थाना क्षेत्र के बकहुआ बाजार गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। आरोप है कि गांव के प्रधान प्रतिनिधि मोइन और सचिव हैदर ने योजना में गड़बड़ी कर अभय कुमार नामक युवक का नाम सूची से हटवा दिया। अभय का दावा है कि उनके चाचा अक्षय कुमार की मौत 2020 में हो चुकी थी, फिर भी उन्हें जीवित दिखाकर योजना का लाभ रोक दिया गया।
अभय कुमार का आरोप है कि जब उन्होंने इस फर्जीवाड़े की शिकायत की तो ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोइन और उनके समर्थकों ने मारपीट की। अभय ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन जांच रिपोर्ट में मारपीट की घटना से इनकार किया गया है।
जांच रिपोर्ट में क्या कहा गया
क्षेत्राधिकारी महमूदाबाद वेद प्रकाश श्रीवास्तव की रिपोर्ट के अनुसार, अभय कुमार अनुसूचित जाति बहेलिया समाज से हैं जबकि आरोपित मोइन मनिहाल मुस्लिम समुदाय से हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि आगामी प्रधानी चुनाव को देखते हुए गांव के कुछ लोगों ने अभय को बहकाकर शिकायत करवाई। जांच में ग्रामीणों ने भी मारपीट की घटना से इनकार किया और अभय को सरलमति व्यक्ति बताया जो दूसरों के बहकावे में आकर आरोप लगाता है।
रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि 10 मई 2025 को थाना दिवस के दौरान अभय ने नायब तहसीलदार और पुलिस अधिकारियों के सामने भी यही आरोप लगाए थे, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों और जांच के आधार पर आरोप प्रमाणित नहीं हो सके।
राजनीतिक रंजिश या प्रशासनिक लापरवाही?
मामला अब दो धाराओं में बंट गया है—अभय कुमार अपने साथ अन्याय का आरोप लगा रहे हैं, जबकि पुलिस का कहना है कि विवाद राजनीतिक रंजिश का नतीजा है। रिपोर्ट के मुताबिक मारपीट का कोई सबूत नहीं मिला, फिर भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों पर बीएनएसएस की धारा 126/135 के तहत कार्रवाई की गई है।
गांव में बढ़ा तनाव
प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए इस कथित फर्जीवाड़े को लेकर गांव में तनाव बना हुआ है। अभय का कहना है कि उन्हें अब भी न्याय नहीं मिला और पूरा प्रशासन आरोपियों को बचाने में जुटा है। वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोइन और सचिव हैदर ने आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है।
आगे क्या?
यह मामला अब जिला प्रशासन के पाले में है। सवाल उठ रहा है कि क्या अभय को वास्तव में न्याय मिलेगा या यह भी चुनावी राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट