मुजफ्फरनगर। आमतौर पर दहेज प्रताड़ना के मामले ससुराल से जुड़े होते हैं, लेकिन इस बार मामला बिल्कुल उलटा है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रहने वाली सिमरन गुप्ता ने अपने ही मायके वालों पर मानसिक टॉर्चर का गंभीर आरोप लगाया है।
सिमरन की शादी 25 जनवरी 2023 को रुड़की के व्यापारी विवेक गुप्ता से हुई थी। विवेक गुप्ता मंडी में आड़त की दुकान चलाते हैं। शादी के बाद दोनों का जीवन सामान्य रहा और आज उनके 18 महीने का एक बेटा भी है। लेकिन शादी के बाद से ही मायके से लगातार परेशानियां बढ़ती चली गईं।
सिमरन का कहना है कि उसके पिता पवन मित्तल, मां और छोटा भाई विनित तीनों बहनें बार-बार फोन करके उसे परेशान करती हैं। आप सब तो कहते हैं और गाली गलौच करते हैं आरोप है कि ये लोग कहते हैं – “तेरी शादी में 20 से 25 लाख रुपये खर्च किए थे, अब यह रकम वापस कर।” लगातार फोन करके दबाव बनाया जाता है कि तू तो अब ससुराल में सेटल हो गई है, हमें पैसे लौटाने होंगे।
इससे सिमरन मानसिक रूप से बेहद परेशान है। उसका कहना है कि शादी में किया गया खर्च माता-पिता की जिम्मेदारी होती है, लेकिन उसी का हिसाब बेटी से मांगा जाना न सिर्फ अपमानजनक है बल्कि अमानवीय भी है। पति विवेक गुप्ता भी मायके वालों की इस हरकत को समझ नहीं पा रहे। उनका कहना है कि यह किस तरह का रिश्ता है, जिसमें खुद के ही माता-पिता बेटी को टॉर्चर कर रहे हैं।
सिमरन ने इस मामले की शिकायत करीब दो साल पहले ही पुलिस और प्रशासन से की थी, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे उसकी परेशानी और बढ़ गई है।
सिमरन का कहना है कि बेटियों की शादी करना हर परिवार की जिम्मेदारी है। लेकिन मायके वाले ही जब बेटी को ब्लैकमेल करने लगें तो यह समाज के लिए खतरनाक संदेश है। उसने प्रशासन से मांग की है कि उसे न्याय दिलाया जाए और इस तरह के टॉर्चर पर रोक लगे।
यह मामला जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। सवाल यह है कि जब समाज बेटियों को ससुराल से होने वाले अत्याचार से बचाने की बात करता है, तो मायके से होने वाले मानसिक टॉर्चर को किस श्रेणी में रखा जाएगा?
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट