गरियाबंद (छत्तीसगढ़): जिले के ग्राम बारुला में बीते 4 मार्च 2024 को 10 वर्षीय टंकेश्धार निर्मलकर की एक दर्दनाक दुर्घटना में मौत हो गई। इस घटना को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज तो किया, लेकिन परिवार को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है।
कैसे हुई थी यह घटना?
घटना के दिन सुबह करीब 8:00 बजे, देलुराम निर्मलकर के घर के पास स्थित बाड़ी में सुंदर साहू नामक व्यक्ति मशीन आरी से आम का पेड़ काट रहा था। लापरवाहीपूर्वक पेड़ काटने की वजह से वह सीधे मासूम टंकेश्धार के ऊपर गिर पड़ा, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आईं। परिजन उसे तुरंत जिला अस्पताल गरियाबंद लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या आया सामने?
26 मार्च 2024 को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु की प्रकृति “एक्सीडेंटल” बताई गई, जिससे यह साफ हुआ कि सुंदर साहू द्वारा बिना सावधानी बरते पेड़ काटने के कारण यह दुखद घटना हुई। पुलिस ने इस आधार पर धारा 304A (लापरवाही से हुई मृत्यु) के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
1 साल बाद भी नहीं मिली न्याय की रोशनी
इस घटना को एक साल बीत चुका है, लेकिन टंकेश्धार के परिवार को अब तक न्याय नहीं मिला है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और आरोपी सुंदर साहू अब भी खुलेआम घूम रहा है।
परिजनों ने प्रशासन और पुलिस से लगातार न्याय की गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
परिवार की अपील और मांगें
पीड़ित परिवार और स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
✅ आरोपी सुंदर साहू की जल्द से जल्द गिरफ्तारी
✅ केस की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा
✅ मृतक के परिवार को उचित मुआवजा
✅ पुलिस की निष्क्रियता की जांच
क्या मिलेगा मासूम को न्याय?
अब सवाल यह उठता है कि क्या टंकेश्धार के परिवार को न्याय मिलेगा या फिर यह मामला फाइलों में दबकर रह जाएगा? प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर अब स्थानीय ग्रामीण भी सवाल उठाने लगे हैं।
परिजनों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे धरना-प्रदर्शन करने और उच्च अधिकारियों से मिलने को मजबूर होंगे। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कब और कितना गंभीर कदम उठाता है।
स्थानीय संपादक ई खबर मीडिया की रिपोर्ट