ई-खबर मीडिया | आजमगढ़ से रिपोर्ट
महाराजगंज थाना क्षेत्र के शिवपुर गांव से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। गांव के कन्हैया यादव ने कोर्ट में अर्जी देकर अपने 15 वर्षीय बेटे शिवम यादव की हत्या का आरोप गांव के ही रामदुलारे यादव और दो अज्ञात लोगों पर लगाया है। प्रार्थी का कहना है कि स्थानीय पुलिस ने मामले को महज एक “इतेफाकिया घटना” बताकर रफादफा कर दिया, जबकि सच्चाई कुछ और ही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, घटना 1 अक्टूबर 2024 की है। शाम लगभग 5 बजे शिवम यादव दवा लेने के लिए कुड़ही डाला की ओर जा रहा था। तभी बुढऊ बाबा मंदिर के पास पहले से घात लगाए बैठे रामदुलारे यादव ने अपने दो अज्ञात साथियों के साथ मिलकर पानी में डुबोकर उसकी हत्या कर दी।
इस बीच, पीड़ित पिता कन्हैया यादव राजस्थान में मजदूरी कर रहा था। घटना की सूचना मिलते ही वह गाँव लौटा। गाँववालों से बातचीत में पता चला कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी।
पुरानी रंजिश बनी जानलेवा
कन्हैया यादव का कहना है कि घटना से लगभग डेढ़ महीना पहले रामदुलारे ने शिवम पर डंडे से हमला किया था, जिससे उसका हाथ टूट गया था। इस घटना की सूचना पुलिस को 100 नंबर पर दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कन्हैया यादव ने यह भी बताया कि 24 अक्टूबर को उसकी बेटी स्कूल से लौट रही थी, तभी उसने रामदुलारे को एक साथी से कहते सुना –
“कन्हैया के बेटे को पानी में डुबोकर मार दिए… अब कुछ होगा तो तुम सम्भाल लेना।”
इस कथन ने प्रार्थी के शक को यकीन में बदल दिया।
पुलिस ने घटना को बताया ‘दुर्घटना’, अब कोर्ट में न्याय की आस
कन्हैया यादव ने इस संबंध में थाना महाराजगंज और पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को रजिस्ट्री के माध्यम से तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार उन्होंने अदालत में धारा 173(4) बीएनएसएस के तहत अर्जी दाखिल कर रिपोर्ट दर्ज करने और जांच शुरू कराने की गुहार लगाई है।
प्रार्थी ने अदालत से लगाई ये अपील
> “श्रीमान जी से निवेदन है कि उपरोक्त मामले में समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर, विवेचना का आदेश थाना-महराजगंज को देने की कृपा करें। अन्यथा मेरी व मेरे परिवार की जान को खतरा है।”
मीडिया की पड़ताल में क्या सामने आया?
इस पूरे मामले ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या सच में एक पिता का आरोप सही है कि उसके बेटे की हत्या को इतेफाकिया मौत का नाम देकर मामला रफा-दफा कर दिया गया? क्या स्थानीय पुलिस ने दबाव में आकर कार्रवाई नहीं की?
अब पूरा मामला अदालत के संज्ञान में है। सवाल ये है कि क्या बेटे को खो चुका ये पिता अपने बच्चे को इंसाफ दिला पाएगा?
रिपोर्ट: ई-खबर संवाददाता | आजमगढ़
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