दिल्ली के सेक्टर 155, बडोली गांव में हल्दीराम कंपनी के कारखाने में काम करने वाली 22 वर्षीय मुन्नी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। बिहार के गया जिले की रहने वाली मुन्नी अपनी खूबसूरत और मोनालिसा जैसी आकर्षक आंखों के कारण सुर्खियों में हैं। उनकी सहेली साक्षी ने मीडिया को बताया कि मुन्नी की आंखों की खूबसूरती पर न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाएं भी मोहित हो जाती हैं। लेकिन इन खूबसूरत आंखों के पीछे एक दर्द भरी कहानी छिपी है।
संघर्ष से भरी ज़िंदगी
मुन्नी शादीशुदा हैं और दो बच्चों की मां हैं। उनके पति चंदन कुमार भी गया जिले के रहने वाले हैं और दिल्ली के बडोली गांव में काम करते हैं। मुन्नी ने बताया कि उनकी शादी सूट पर पैसा लेकर हुई थी, लेकिन शादी के बाद उनके पिता का निधन हो गया, जिससे पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने काम करने का फैसला किया और हल्दीराम के कारखाने में वर्कर के तौर पर तंदूरी समोसा और अन्य खाद्य पदार्थ बनाने का कार्य करने लगीं।
खूबसूरती के साथ दर्द
साक्षी के अनुसार, मुन्नी बेहद संघर्षशील महिला हैं, लेकिन उनके दर्द को कम ही लोग समझते हैं। उनकी आंखें जितनी खूबसूरत हैं, उतनी ही उनमें दर्द भी झलकता है। काम के दौरान उन्हें कई बार रोते हुए भी देखा गया है। उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों के कारण कभी हार नहीं मानी और लगातार अपने परिवार को संभालने के लिए मेहनत कर रही हैं।
नई पहचान की उम्मीद
मुन्नी की सहेली साक्षी और उनके साथियों का मानना है कि इतनी सुंदर और मेहनती महिला को एक नई पहचान मिलनी चाहिए। वे चाहते हैं कि मुन्नी भी मोनालिसा की तरह प्रसिद्ध हों और उनके संघर्ष की कहानी दुनिया के सामने आए। साक्षी ने मीडिया से अपील की कि ऐसे संघर्षशील और हुनरमंद लोगों को एक मंच मिलना चाहिए, ताकि वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकें।
एक नई राह की ओर
मुन्नी की कहानी उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने परिवार और समाज की बेहतरी के लिए संघर्ष कर रही हैं। उनकी खूबसूरती से ज्यादा उनकी मेहनत और आत्मनिर्भरता काबिल-ए-तारीफ है। क्या मुन्नी को उनकी नई पहचान मिलेगी? क्या उनका संघर्ष रंग लाएगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन उनकी जिजीविषा और संघर्षशीलता निश्चित रूप से उन्हें एक दिन एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट