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सुरेश यादव: संघर्ष से सोशल मीडिया स्टार बनने तक की प्रेरणादायक यात्रा

गिरिडी जिले के सरिया थाना क्षेत्र के रहने वाले सुरेश यादव (36 वर्ष) ने अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के दम पर सोशल मीडिया की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुरेश के सपने बड़े थे, और उन्होंने अपनी हिम्मत से उन्हें हकीकत में बदल दिया।

संघर्ष से भरी शुरुआत :-

सुरेश यादव का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, जहां रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी एक चुनौती थी। लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी परिस्थितियों को अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया। 2021 में उन्होंने यूट्यूब पर अपनी यात्रा शुरू की, जहां उन्होंने अपनी मेहनत और रचनात्मकता से वीडियो बनाना शुरू किया।

धीरे-धीरे उनके वीडियो को दर्शकों का प्यार मिलने लगा और वे सोशल मीडिया की दुनिया में पहचाने जाने लगे। हालांकि, यह सफर आसान नहीं था—कम संसाधनों और शुरुआती संघर्षों के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार मेहनत जारी रखी।

पत्नी का सहयोग बना ताकत :-

सुरेश यादव की इस सफलता के पीछे उनकी पत्नी कलावती देवी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया और कठिन समय में भी सुरेश को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। सुरेश खुद मानते हैं कि उनकी सफलता में उनकी पत्नी और परिवार का बहुत बड़ा योगदान है।

यूट्यूब पर बढ़ते कदम :-

वर्तमान में, सुरेश यादव के यूट्यूब चैनल “@sureshyadav859” पर 430 सब्सक्राइबर्स हैं और उनके वीडियो पर कुल 8,904 व्यूज़ हो चुके हैं। यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, और सुरेश का लक्ष्य है कि वे और अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाएं।

(यूट्यूब आईडी: @sureshyadav859)

सपनों को साकार करने का संदेश :-

सुरेश यादव का मानना है कि “सपने देखो और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करो।” वे सोशल मीडिया का उपयोग न केवल अपनी पहचान बनाने के लिए कर रहे हैं, बल्कि इसके माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की भी कोशिश कर रहे हैं।

उनका उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि प्रेरणा देना भी है। वे लोगों से अपील करते हैं कि उनके वीडियो को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करें, ताकि वे अपने परिवार को आर्थिक संकट से बाहर निकाल सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें।

गरीबों के लिए मिसाल बनना चाहते हैं :-

सुरेश यादव का सपना सिर्फ खुद तक सीमित नहीं है। वे चाहते हैं कि उनकी कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा बने, जो कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। उनका मानना है कि अगर इंसान के अंदर कुछ करने की लगन और हिम्मत हो, तो कोई भी मुश्किल उसे रोक नहीं सकती।

वे यह साबित करना चाहते हैं कि संघर्ष करने वाले कभी हारते नहीं, बल्कि सफलता उनकी मेहनत का सम्मान करती है।

पूरे देश के लिए प्रेरणा बने सुरेश यादव :-

आज सुरेश यादव न सिर्फ अपने गांव और परिवार बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी कहानी यह सिखाती है कि अगर आप अपने सपनों को साकार करने की ठान लें और लगातार मेहनत करें, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।

निष्कर्ष :-

सुरेश यादव की यह कहानी संघर्ष और सफलता का बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर इंसान मेहनत और लगन से आगे बढ़े, तो सफलता उसके कदम जरूर चूमती है।

आज वे सोशल मीडिया की दुनिया में एक उभरता सितारा बन चुके हैं, और उनकी यह यात्रा कई लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। उनके सफर से हमें यह सीख मिलती है कि सपनों को पूरा करने का एक ही तरीका है—लगातार मेहनत और आत्मविश्वास!

 

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