मैनपुरी (अहिरवा)।
ग्राम बरीहार,जमथरी में महज 280 मीटर की सड़क ने सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है। इस सड़क की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि हल्की सी बारिश में कीचड़ का दरिया बन जाती है। ग्रामीणों के मुताबिक, बरसात के मौसम में सड़क से गुजरना जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। हालत यह है कि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक रोज गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
गांव के निवासी रामवीर पुत्र रामचरन 32 वर्ष बताया कि ग्राम पंचायत, स्थानीय प्रधान और जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। लोगों का कहना है कि जब वोट मांगने का समय आता है तो नेता इसी सड़क पर झोला लेकर वोट मांगते हुए घर-घर पहुंच जाते हैं। लेकिन चुनाव खत्म होते ही सब वादे और आश्वासन कागजों में सिमट जाते हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सड़क की खराब हालत की वजह से स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। बारिश के दिनों में वाहन चलाना तो दूर, पैदल निकलना भी बेहद मुश्किल हो जाता है। कई बार मरीजों को अस्पताल ले जाने में देर हो चुकी है। गांववालों ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
280 मीटर की दूरी, लेकिन जिम्मेदारों से कोसों दूर समाधान
ग्राम बरीहार के निवासियों ने यह भी कहा कि समस्या का परमानेंट समाधान जरूरी है। सिर्फ मिट्टी डालने या थोड़े बहुत गड्ढे भरने से हर साल यही स्थिति बनती रहेगी। ग्रामीणों ने मांग की है कि बरसात के मौसम में जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू किया जाए और इसके बाद पक्की सड़क निर्माण का स्थायी समाधान निकाला जाए।
जनता का सवाल: आखिर कब सुधरेंगे हालात?
ग्रामीणों का आक्रोश अब चरम पर है। उनका कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं जब शिकायतें की गई हों। बार-बार अफसरों और जनप्रतिनिधियों को पत्र दिए गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों का सवाल है कि अगर इतनी छोटी सी सड़क भी समय पर नहीं बन सकती तो फिर ग्राम विकास योजनाओं के करोड़ों रुपये कहां जाते हैं?
ग्रामीण रामवीर समेत सभी रहवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि बारिश में राहत के लिए तत्काल प्रभाव से सड़क को चालू हालत में लाया जाए और पक्की सड़क का स्थायी समाधान जल्द से जल्द शुरू किया जाए। जब तक यह सड़क दुरुस्त नहीं होती, गांववालों का संघर्ष जारी रहेगा।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट