पीलीभीत (उत्तरप्रदेश)।
एक टूटते हुए परिवार की वेदना, तीन मासूम बच्चों का दर्द और एक बेबस पति की गुहार—यह कहानी है पीलीभीत जिले के बीसलपुर तहसील के गाँव उमरा खान सिंह निवासी सुमेरलाल की, जिसकी पत्नी भावना देवी पिछले नौ महीनों से मायके जाने के बाद लौटकर नहीं आई। अब खबर है कि उसने किसी और से शादी रचा ली है।
सुमेरलाल का आरोप है कि 28 नवम्बर 2023 को उसकी पत्नी अपने भाई रवि के साथ मायके चली गई थी। तब उसने सोचा था कि कुछ दिनों में लौट आएगी, लेकिन वक्त बीतता गया, महीने गुजर गए और अब तक भावना देवी का कोई अता-पता नहीं। कई बार वह खुद अपनी पत्नी को लेने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के लोहाठी गाँव, थाना कलानीछीन गया, लेकिन हर बार उसे तिरस्कार, गालियाँ और धमकियाँ मिलीं।
“पत्नी और उसके परिवारवालों ने मारपीट की, कहा – दोबारा यहाँ मत आना!”
सुमेरलाल का कहना है कि जब उसने अपनी पत्नी से संपर्क करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल बंद मिला। बाद में पता चला कि भावना देवी अब किसी और के साथ रह रही है और शादी भी कर चुकी है। यह सुनकर उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई।
तीन मासूम बच्चे, जो अपनी मां की ममता को तरस रहे हैं, अब अपनी बूढ़ी दादी के सहारे जिंदगी काट रहे हैं। सबसे बड़ा बेटा स्कूल नहीं जा पा रहा और छोटे बच्चे मां की गोद के लिए हर रात बिलखते हैं।
“बिना पत्नी के परिवार बिखर गया है, प्रशासन मेरी मदद करे”
मीडिया से बात करते हुए भावुक सुमेरलाल ने कहा,
“मैं टूट गया हूँ। मेरी जिंदगी की नींव छिन गई है। मेरी पत्नी न बच्चों की परवाह कर रही है, न इस रिश्ते की। मेरी गुज़ारिश है कि प्रशासन और पुलिस मेरी पत्नी को वापस भेजने में मदद करे।”
प्रशासन से गुहार – इंसाफ चाहिए!
सुमेरलाल ने स्थानीय पुलिस, तहसील प्रशासन और उत्तराखंड के संबंधित अधिकारियों से अपील की है कि वह भावना देवी को उसके बच्चों के पास वापस लाएं। अगर भावना देवी ने दूसरी शादी कर ली है, तो कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि यह सीधे तौर पर वैवाहिक विश्वासघात और बच्चों के अधिकारों का हनन है।
सवाल प्रशासन से
क्या तीन मासूम बच्चों की भावनाओं का कोई मोल नहीं?
क्या एक पत्नी बिना तलाक के दूसरी शादी कर सकती है?
क्या एक पति की जिंदगी यूं ही तबाह होने दी जाएगी?