गद्दापुरी, जिला पलवल (हरियाणा):
10 मई को हरियाणा के गद्दापुरी गांव में आध्यात्मिक चेतना की एक नई सुबह का साक्षी बना, जब ‘सच की खोज शिव मंदिर’ का भव्य स्थापना समारोह हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आत्मिक ऊर्जा, विज्ञान और साधना का संगम बनकर देश-विदेश में अपनी पहचान बना रहा है।
अमेरिका, कनाडा, दुबई और लंदन सहित भारत के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में भाग लिया। समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज फहराकर की गई, जिसके बाद सहस्रार चक्र नवग्रह 12 राशि मंदिर के भव्य उद्घाटन ने आध्यात्मिकता की पराकाष्ठा को छू लिया।
योग, प्राणायाम और आत्मजागरण का केंद्र
मंदिर परिसर में केवल पूजा-पाठ ही नहीं, बल्कि साधकों को उनके सात ऊर्जा चक्रों (मूलाधार से सहस्रार तक) को जागृत करने की प्राचीन विधियाँ सिखाई जाती हैं। यहाँ मंत्र, ध्यान, योग, प्राणायाम और आयुर्वेदिक जीवनशैली को आत्मसात कर व्यक्ति अपने भीतर के दिव्य स्वरूप को पहचानने लगता है।
श्री सुरेश अग्रवाल जी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मेरे दादा तन्नू मल, मेरे पिता हरिश्चंद्र, और माता का नाम है लक्ष्मी बाई है। उन्होंने बताया कि वह पिछले 42 सालों से सत्य की खोज के लिए अग्रसर है।
सुरेश अग्रवाल का दर्शन – सत्य की ओर यात्रा
मंदिर के संस्थापक व आध्यात्मिक पथ-प्रदर्शक श्री सुरेश अग्रवाल का कहना है:
“जब तक हर व्यक्ति सत्य की ओर नहीं बढ़ेगा, तब तक न समाज में शांति आएगी, न स्वास्थ्य। भूख, बीमारी और झूठ – इन तीन राक्षसों से लड़ना ही आज की असली साधना है।”
उनका यह दृष्टिकोण आज एक वैश्विक आंदोलन ‘सच की खोज’ का रूप ले चुका है, जिसमें हजारों लोग आत्म-जागरण के पथ पर चल पड़े हैं।
देश-विदेश से मिला समर्पित सहयोग
श्रीमती अर्चना कपानी (वर्जीनिया, यूएसए) ने ₹43 लाख का योगदान देकर कहा:
“मैंने अमेरिका में बहुत कुछ पाया, लेकिन गड़पुरी में मुझे जीवन का असली उद्देश्य मिला।”
श्री मोहन कपानी ने दो बार ₹21 लाख का सहयोग देकर इसे “सत्य, सेवा और साधना का जीवंत केंद्र” बताया। उनका मानना है कि यह स्थान भविष्य में अंतरराष्ट्रीय आत्मिक अनुसंधान और चिकित्सा का केंद्र बनेगा।
निर्माण कार्य में उठे विवाद भी बने चर्चा का विषय
मंदिर निर्माण के दौरान ठेकेदार महिपाल सिंह पर घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। इस पर कई दानदाताओं ने नाराज़गी जताई है। श्रीमती अर्चना कपानी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है:
“सच के नाम पर कोई समझौता नहीं होगा।”
भविष्य की योजनाएं – आत्मिक चिकित्सा और अनुसंधान की दिशा में
स्थापना समारोह के बाद मंदिर में नियमित रूप से 7 दिवसीय साधना शिविर, प्राकृतिक चिकित्सा, भावनात्मक उपचार, और ध्यान-योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, एक आयुर्वेदिक रिसर्च केंद्र और ध्यान-धाम की भी नींव रखी जाएगी।
जुड़ें चेतना की इस क्रांतिकारी यात्रा से
यह मंदिर केवल एक संरचना नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति का केंद्र है। जो भी आत्मा की ध्वनि सुनना चाहता है, वो यहां अपना उत्तर पा सकता है।
स्थान: गद्दापुरी, जिला पलवल (हरियाणा)
भारत संपर्क: +91 7292 000 366
अंतर्राष्ट्रीय संपर्क: अर्चना कपानी (+1 571 538 0163)
हर व्यक्ति के भीतर एक शिव है – बस उसे पहचानने की जरूरत है। आइए, जुड़ें ‘सच की खोज’ से और करें भीतर के शिव का साक्षात्कार।