गौतमबुद्धनगर | विशेष रिपोर्ट
गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर थाना क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ पराठे का ठेला लगाने वाली गरीब महिला रानी पत्नी रतन चन्द (निवासी—ग्राम मलकपुर) और उसी गाँव के युवक तोपेंद्र पुत्र दयाराम को लगातार स्थानीय दबंगों और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत का शिकार होना पड़ रहा है।
मेहनत-मजदूरी कर परिवार चलाने वाली रानी बताती हैं कि वह मनीटो कम्पनी के बाहर पराठे का ठेला लगाती हैं। वहीं पास में नीरेश नाम का युवक “अंकित बिरयानी” नाम से ठेला लगाता है, जो प्रार्थिया से बेवजह रंजिश रखता है।
22 जुलाई 2025: ठेले पर हमला, गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी
रानी के अनुसार 22 जुलाई की शाम वह अपने ठेले पर थीं, तभी नीरेश, रवि और 3–4 अज्ञात लोग आ धमके।
उन्होंने
गाली-गलौच की
उसके साथ मारपीट की
और धमकी दी — “यहाँ से ठेला हटाओ नहीं तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे।”
डरी-सहमी रानी ने तुरंत सूरजपुर थाने जाकर शिकायत देनी चाही, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी।
अगले ही दिन दोबारा हमला — रुपये और नाक की लौंग लूट ली
रानी के अनुसार 23 जुलाई को वही लोग शराब पीकर फिर ठेले पर आए,
दोबारा मारपीट की
जान से मारने की धमकी दी
ठेले के गल्ले से ₹3000 रुपये लूट लिए
और प्रार्थिया की नाक की लौंग भी छीन ली।
-शिकायत देने पर उल्टा पुलिसकर्मी ने ही धमकाया
रानी ने 11 अगस्त को पुलिस आयुक्त के नाम प्रार्थना-पत्र दिया। उसी दिन एक पुलिसकर्मी रानी के ठेले पर पहुँचा और उल्टा उसी के साथ गाली-गलौच करने लगा।
उसने धमकी दी —
“अगर ठेला नहीं हटाया तो 4–5 लोगों को भेजकर जान से मरवा दूँगा… और अगर रहना है तो नीरेश के साथ फैसला कर ले।”
रानी बताती हैं कि वह इस वक्त डर के साए में जी रही हैं।
तोपेंद्र के साथ इससे भी बड़ा अत्याचार — पुलिसकर्मियों ने रातभर थाने में टॉर्चर किया, ओर मुंह पर मार मार कर दांत हिला दिए
मामला यहीं खत्म नहीं हुआ।
ग्राम मलकपुर निवासी तोपेंद्र पुत्र दयाराम ने भी आरोप लगाया है कि नीरेश यादव और उसके साथियों के कहने पर पुलिस ने उसे कई बार परेशान किया।
09 अक्टूबर 2025: दरोगा और 4–5 सिपाही घर से उठाकर ले गए
तोपेंद्र के मुताबिक घटना की रात
नीरेश यादव
एक दरोगा
और 4–5 सिपाही
उसके घर आए और उसे मारते-पीटते हुए सूरजपुर थाने ले गए।
थाने में
रातभर लात-घूसे मारे
डंडों से पीटा
इतना टॉर्चर किया कि उसके सारे दांत टूट गए
हिप्स पर चोटों के कारण वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा
डॉक्टरों ने भी इलाज से मना कर दिया
तोपेंद्र सरकारी अस्पताल बिसरख गया, लेकिन वहाँ मौजूद डॉक्टरों ने कहा —
“पुलिस के खिलाफ शिकायत हो तो बिना पुलिस की अनुमति इलाज नहीं होगा।”
30 अक्टूबर 2025: बिना कारण चालान कर ACP कार्यालय भेज दिया
तोपेंद्र बताता है कि थाने की पुलिस ने बिना किसी केस के उसे 30 अक्टूबर को चालान कर दिया, बाद में वह जमानत पर छूटा।
जब वह अगले दिन शिकायत लेकर थाने गया तो पुलिसकर्मियों ने उसे डांटकर भगा दिया और साफ कहा —
“अगर दोबारा थाने आए तो तू और तेरे परिवार को झूठे केस में फँसा कर जेल भेज देंगे… हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा।”
ग्रामीण बोले — पुलिस-दबंग गठजोड़ का खौफ, आम लोग पूरी तरह असहाय
स्थानीय लोगों का कहना है कि मामले में स्पष्ट रूप से
दबंगों
स्थानीय पुलिस
और कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत
दिखाई देती है।
रानी और तोपेंद्र दोनों बेहद गरीब परिवार से हैं और अपना जीवन ठेला लगाकर चलाते हैं। ऐसे में पुलिस के व्यवहार ने उनकी जिंदगी को और भी कठिन बना दिया है।
पीड़ितों की गुहार — FIR हो, दोषियों पर कार्रवाई हो
पीड़ितों ने पुलिस आयुक्त से मांग की है कि
सूरजपुर थाने को FIR दर्ज करने का आदेश दिया जाए
मारपीट, धमकी, लूट, टॉर्चर और रिश्वतखोरी में शामिल पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो
नीरेश यादव और उसके साथियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए
उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
एक सवाल… गरीब हो तो क्या न्याय नहीं मिलेगा?
रानी और तोपेंद्र जैसे कई लोग महज इसलिए प्रताड़ना झेलते रहते हैं क्योंकि उनकी आवाज़ सुनने वाला कोई नहीं होता।




