देवरिया की अमिता न्याय के लिए दर-दर भटक रही, बोली— “अगर मुझसे शादी नहीं करेगा तो किसी और से भी नहीं करने दूंगी”
देवरिया / विशेष रिपोर्ट
देवरिया जिले के थाना खामपार क्षेत्र की रहने वाली अमिता (उम्र 21 वर्ष) पिछले कई महीनों से न्याय की गुहार लगाते हुए थाने और अधिकारियों के चक्कर काट रही है। अमिता का आरोप है कि कल्याण सिंह, निवासी लोहारी बारी बागड़ी , बाजार, जिला देवरिया, ने शादी का झांसा देकर 5 साल तक उससे संबंध बनाए, और अब जब उसने सामाजिक रूप से विवाह की बात कही तो उसने शादी से साफ इनकार कर दिया।
धमकी देकर शुरू हुई बातचीत
अमिता के अनुसार, कुछ साल पहले आने-जाने के दौरान कल्याण सिंह उनसे बातचीत करने का दबाव डालता था। विरोध करने पर उसने धमकी दी— “हमसे बात कर ले, नहीं तो जोर-जबरदस्ती कर लेंगे।”
डर की वजह से बात शुरू हुई, और धीरे-धीरे यह रिश्ता 5 साल तक चला।
“मंदिर में शादी होने के बाद पलट गया— बोला, जो करना हो कर लो”
अमिता ने बताया कि शिकायत करने और दबाव पड़ने पर कल्याण सिंह ने मंदिर में उससे शादी भी की, लेकिन जब उसने समाज के सामने विवाह की बात कही तो वह पलट गया।
अमिता के शब्दों में— “जब मैंने कहा कि सबके सामने भी शादी करो और अपने घर ले चलो, तो उसने कहा— जो करना है कर लो, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, हम शादी नहीं करेंगे।”
मामला सामने आने पर घरवालों ने भी अमिता को घर से निकाल दिया, जिसके बाद वह अपने चाचा के घर रह रही है।
थाने में शिकायत, लेकिन FIR दर्ज नहीं
अमिता का आरोप है कि वह कई बार थाना खामपार गई, लेकिन पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की।
रोते हुए उसने कहा— “मेरी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही… मुझे इंसाफ चाहिए। मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया।”
लगातार मिल रही जान से मारने की धमकियां
अमिता ने कहा कि कल्याण सिंह और उसके घरवालों द्वारा उसे लगातार धमकियां दी जा रही हैं।
उसके अनुसार— कल्याण सिंह की बहन सुमन, मुनरमा देवी, बतीसिया देवी, भाई विपिन, विजय और नितेश धमकी दे रहे हैं: “अगर इस रोड से आते जाते दिखाई दी तुम ओर तुम्हारे पिता तो काट दिया जाएगा।”
“अगर मुझसे शादी नहीं करेगा तो किसी और से भी नहीं करने दूंगी”
अमिता कहती है— “मैंने उसे सब कुछ दे दिया… अब वह मुझे छोड़कर किसी और से शादी नहीं कर सकता। अगर वह मुझसे शादी नहीं करेगा तो किसी और से भी नहीं करने दूंगी। मैं उससे ही शादी करना चाहती हूँ।”
उसने प्रशासन और महिला आयोग से गुहार लगाई कि मामले को गंभीरता से लिया जाए और उसे न्याय दिलाया जाए।
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