आदित्यपूर-2 के कुलूपटांगा स्थित वास्तु बिहार सोसाइटी में रहने वाले परिवारों की ज़िन्दगी इस वक्त नरक बन चुकी है। बीते 17 जून से लेकर आज 17 जुलाई तक, पूरे एक महीने से लोग सिवरेज के गंदे पानी में जीने को मजबूर हैं। जैसे ही बारिश की बूंदें गिरती हैं, पूरा घर नाले में तब्दील हो जाता है। यह हालात सिर्फ एक दिन या दो दिन के नहीं हैं, बल्कि यह हर साल का सिलसिला बन चुका है।
स्थानीय निवासी का कहना है –
“ऐसा लगता है कि सिवरेज का पानी अब हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है। बारिश शुरू होते ही घर के हर कमरे में गंदा पानी भर जाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को इस नर्क में दिन गुजारने पड़ते हैं।”
सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस समस्या की शिकायतें बार-बार की गईं, लेकिन बिल्डर की ओर से कोई समाधान नहीं निकला। जब भी लोग समाधान की बात करते हैं, सोसाइटी की मालकिन सुषमा तिवारी डांट देती हैं और बात को टाल देती हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिल्डर की मनमानी सालों से चल रही है और बरसात के दिनों में हालात बद से बदतर हो जाते हैं। लोगों को घंटों तक बारिश थमने का इंतजार करना पड़ता है, ताकि वे घर के अंदर कम से कम शौचालय तक तो जा सकें या रसोई में कदम रख सकें।
यह मामला प्रशासन और नगर निगम की लापरवाही को भी उजागर करता है। इतने दिनों से जलभराव और सीवर समस्या बनी हुई है, लेकिन न कोई अधिकारी मौके पर आया और न ही कोई समाधान पेश किया गया।
निवासियों की गुहार – “कृपया हमारी मदद करें”
रिहायशी इलाके में रहने वाले पीड़ित परिवारों ने प्रशासन और मीडिया से अपील की है कि उन्हें इस सिवरेज की त्रासदी से बाहर निकाला जाए। बरसात का असली मौसम तो अब शुरू हुआ है – सावन और भादो मास में हालात क्या होंगे, इसकी कल्पना मात्र से लोग घबरा रहे हैं।
इस सनसनीखेज और गंभीर मामले पर अब देखना होगा कि प्रशासन कब नींद से जागता है और बिल्डर की मनमानी पर लगाम लगाई जाती है या नहीं।
स्थानीय संवाददाता, ई खबर मीडिया की रिपोर्ट