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जळगाव जिले के यावल में आदिवासी शासकीय आयटीआई संस्था के पास बन रही संरक्षण भिंत में भ्रष्टाचार का आरोप, चौकशी की मांग

जळगाव, 6 मार्च 2025: जिले के यावल क्षेत्र में आदिवासी शासकीय आयटीआई संस्था के पास सार्वजनिक बांधकाम विभाग द्वारा बनवाई जा रही संरक्षण भिंत में भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल का आरोप सामने आया है। यावल के बाबा नगर के निवासी शेख साबीर अब्दुल कदीर ने संबंधित अधिकारियों के पास एक शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने इस निर्माण कार्य की चौकशी करने की मांग की है।

शिकायत में शेख साबीर ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता से समझौता करते हुए घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि रेत में मिट्टी और बड़े पत्थरों का मिलावटी मिश्रण किया जा रहा है, जो भविष्य में दीवार के गिरने का कारण बन सकता है। इसके चलते लोगों की जान को खतरा हो सकता है। शिकायत में यह भी बताया गया कि पुराने ईंटों और पत्थरों का इस्तेमाल मटेरियल में किया जा रहा है, जो संरचना की मजबूती को प्रभावित कर सकता है।

शिकायत में ये प्रमुख बिंदु शामिल हैं:

1. गुणवत्ताहीन मटेरियल का इस्तेमाल: निर्माण कार्य में पुराने ईंट, पत्थर और मिलावटी सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है।

2. संरक्षण दीवार गिरने का खतरा: निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के कारण दीवार गिरने का खतरा उत्पन्न हो सकता है, जिससे जीवन की हानि हो सकती है।

3. काम की चौकशी और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई: शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि संबंधित विभाग इस निर्माण कार्य की चौकशी करें और ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर कार्रवाई की जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि जब तक ठेकेदार द्वारा गुणवत्तापूर्ण काम नहीं किया जाता, तब तक सरकार उन्हें कोई बिल न चुकता करें।

4. संरचनात्मक खामी से जनहानि की संभावना: यदि भविष्य में दीवार गिरती है, तो इसका जिम्मेदार सार्वजनिक बांधकाम विभाग और ठेकेदार होंगे।

शेख साबीर ने अपनी शिकायत आदिवासी विकास मंत्रालय, महाराष्ट्र शासन मंत्रालय, विभागीय आयुक्त कार्यालय नाशिक, जिल्हाधिकारी व जळगाव, कार्यकारी अभियंता सार्वजनिक बांधकाम विभाग जळगाव, उपअभियंता यावल, और प्रकल्प अधिकारी आदिवासी विकास विभाग यावल को 6 मार्च 2025 को दी है।

मांग:

शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस निर्माण कार्य की वरिष्ठ पातळी से चौकशी की जाए और ठेकेदार का निर्माण परवाना रद्द किया जाए। यदि भविष्य में कोई दुर्घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार और सार्वजनिक बांधकाम विभाग पर डाली जाए।

इस शिकायत के बाद आम जनता भी प्रशासन से अपील कर रही है कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की जाए और ठेकेदार तथा विभाग को जवाबदेह ठहराया जाए। प्रशासन से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले की जांच होगी और ठेकेदार को गुणवत्ता के आधार पर काम करने के लिए बाध्य किया जाएगा।

यह मामला इस बात का प्रतीक है कि किस प्रकार सरकारी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल जनता की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। प्रशासन से इस मुद्दे पर उचित कदम उठाने की उम्मीद जताई जा रही है।

ई खबर मीडिया के लिए बशिर परमान तड़वी रिपोर्ट

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