मोरनी खंड की मांधना (भोज मटौर) पंचायत इन दिनों गंभीर पेयजल संकट से जूझ रही है। करीब दो महीने से नया बोरवेल अधूरा पड़ा है, जबकि बिजली विभाग इसकी सप्लाई पहले ही पूरी कर चुका है। विभागीय सुस्ती और ठेकेदार की कोताही के कारण हजारों ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे हैं।
बिजली दो माह पहले पहुंची, पर पाइपलाइन आधी—बोरवेल ठप
ग्राम पंचायत प्रतिनिधि—पंच हरीश और सरपंच पंच पाल शर्मा—ने बताया कि चंडी का बास में नया बोरवेल तैयार किया जाना था। बिजली कनेक्शन समय पर होने के बावजूद जल विभाग और ठेकेदार ने पाइपलाइन का कार्य अधूरा छोड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि दो महीनों से विभाग को कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
4000–5000 आबादी, एक ट्यूबवेल… कई बस्तियां पानी के लिए तरसीं
भोज मटौर–मांधना पंचायत की आबादी 4000 से 5000 के बीच है, लेकिन पूरे क्षेत्र के लिए चंडी का बास में मात्र एक ही ट्यूबवेल कार्यरत है। चौधरी का बास, ठाठर-1, ठाठर-2, पंडितों का बास, गबला बास, सिरे का बास, जाखड़ी और जानसू जैसे मोहल्लों में रोजाना पानी का कोहराम मचा रहता है।
ग्रामीणों ने नाराज़गी जताते हुए कहा—
“हर दिन पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। कई बार तो दूसरे गांवों से पानी लाना पड़ता है।”
सरपंच ने विभाग से मांगी कड़ी कार्रवाई
सरपंच पंच पाल शर्मा ने जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात कर पूरी स्थिति से अवगत कराया। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि ठेकेदार के कारण काम में देरी हुई है। पंचायत ने मांग उठाई है कि लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की जाए और बोरवेल का कार्य तुरंत पूरा कर पानी सप्लाई सामान्य की जाए।
ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा स्टेट हेड देव दर्शन शर्मा की रिपोर्ट




