पुणे।
बिहार के समस्तीपुर की बहू और तीन बच्चों की मां मनीषा तिवारी ने अपने संघर्ष और जज्बे से सोशल मीडिया पर ऐसा कमाल कर दिखाया है कि अब लोग उन्हें ‘साहसी क्रिएटर’ कहने लगे हैं। महज 25 साल की उम्र में मनीषा ने गरीबी, जिम्मेदारियों और तंगी को पीछे छोड़कर इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर अपनी पहचान बनाई है।
करीब 9 साल पहले उनकी शादी अरविंद तिवारी से हुई थी। परिवार पुणे के जनता बसाद गांव, रेलवे स्टेशन के पास किराए के छोटे से मकान में रहता है। पति मजदूरी करते हैं, लेकिन खर्चा इतना बढ़ा कि कई बार चूल्हा तक ठंडा पड़ गया। ऐसे वक्त में मनीषा ने ठान लिया कि वे सोशल मीडिया को ही सहारा बनाएंगी।
पिछले एक साल से लगातार वीडियो बनाने वाली मनीषा को शुरू में किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन अब उनकी मेहनत रंग ला रही है। यूट्यूब पर 1000 से ज्यादा सब्सक्राइबर हो गए, फेसबुक पर फॉलोअर्स 1000 पार कर चुके हैं और इंस्टाग्राम पर भी 600 लोग जुड़ गए हैं।
मनीषा बताती हैं— “गरीबी हमें रोक नहीं सकती। मैंने ठान लिया है कि अपने बच्चों का भविष्य सोशल मीडिया के जरिये बदलकर रहूंगी। बस चाहती हूं कि लोग मेरा हौसला बढ़ाते रहें, वीडियो देखें, लाइक करें और चैनल सब्सक्राइब करें।”
मनीषा की यह जद्दोजहद आज लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा है। आर्थिक संकट से जूझती यह मां सोशल मीडिया की दुनिया में अपनी मेहनत और क्रिएटिविटी से न सिर्फ जगह बना रही है, बल्कि यह भी साबित कर रही है कि अगर जज्बा हो तो हालात भी हार मान जाते हैं।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट