भोजपुर (आरा)। भोजपुर जिले के चौरी थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दुल्लमचक गांव की रहने वाली आशा देवी ने अपने साथ हुए क्रूर अन्याय की पूरी कहानी पुलिस अधीक्षक को भेजे आवेदन में उजागर की है। यह कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं, लेकिन हकीकत है। इसमें प्यार का झांसा, बंधक बनाकर बलात्कार, लाखों की ठगी और पुलिस की लापरवाही जैसे तमाम एंगल मौजूद हैं।
पीड़िता के अनुसार, गांव के ही विष्णु कुमार ने पहले प्रेम का नाटक किया, फिर विश्वास जीतकर उसके नाम पर तीन लाख रुपये का लोन निकलवाया और पचास हजार के गहने हड़प लिए। इतना ही नहीं, उसका एटीएम, आधार कार्ड और बैंक पासबुक भी अपने कब्जे में ले लिया।
9 अप्रैल 2025 की शाम करीब पांच बजे आरोपी विष्णु कुमार ने आशा देवी को जबरन लुधियाना ले जाकर बंधक बना लिया। वहां उसके साथ बार-बार बलात्कार किया गया, मारपीट की गई और ब्लैकमेल किया गया। आशा देवी ने दावा किया है कि वह महीनों तक इस शोषण का शिकार बनी रही और जैसे-तैसे वहां से छूटकर लौटी।
इस मामले में आशा देवी के पति ने चौरी थाना में लिखित शिकायत दी, जिसके आधार पर कांड संख्या 61/2025 दर्ज किया गया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुलिस अब तक आरोपी विष्णु कुमार को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
आशा देवी का आरोप है कि जब वह अपने पैसे और दस्तावेज लेने आरोपी के घर पहुंची तो वहां विष्णु कुमार के साथ-साथ उसके पिता, मां और भाई रंजन कुमार ने मिलकर उसके साथ मारपीट की। यही नहीं, अब भी उसे जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
पीड़िता का कहना है कि पूरे परिवार की शह पर यह साजिश रची गई और पुलिस की ढिलाई के चलते आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। उसने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए ताकि उसे इंसाफ मिल सके।
यह मामला भोजपुर पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। पीड़िता की ओर से दर्ज गंभीर आरोपों के बावजूद कार्रवाई में सुस्ती ने पुलिस की निष्पक्षता और तत्परता पर सवालिया निशान लगा दिया है। अब देखना होगा कि भोजपुर पुलिस इस सनसनीखेज मामले में कब नींद से जागती है और न्याय का पहिया कब घूमता है।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट