मध्य प्रदेश की सोनकच्छ पंचायत भागसेरा में 2015 से 2021 तक जमकर हुआ भ्रष्टाचार खेत तालाब के निर्माण में 2015 से 2021 तक जमकर हुआ भ्रष्टाचार नवनिर्मित तालाब पर खेती की जा रही है जनपद पंचायत सोनकच्छ की ग्राम पंचायत भागसेरा में जमकर किया जा रहा है भ्रष्टाचार जिनित ग्रहण मनरेगा के तहत ताला बी स्वीकृत हुए हितग्राहियों को भनक तक नहीं हुई और उनके फर्जी मास्टर रोल भरकर राशि निकाली गई सरपंच सचिव द्वारा लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई शासन प्रशासन द्वारा पंचायत में जिनको चुनाव उन्हें ही भ्रष्टाचार किया ग्राम में जो आई राशि उसे कागज में ही दर्शाकर पैसे निकाल लिए गए लाखों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ तालाब हो या खेत का या बच्चों का खेल का मैदान बस कागजों में ही है हकीकत में तो वहां पर है ही नहीं फर्जी मास्टर रोल से सभी पैसे निकल लिए गए और इन कामों में ग्रामीणों को रोजगार भी दे दिया गांव में सीसी रोड भी बनाई गई लेकिन वह बस कागजों में ही है हकीकत में नहीं है जबकि इतना कार्य की बिना काम कर ही राशि निकाली गई जब किन कामों के अधिकारी द्वारा जांच के बाद भी राशि निकाली गई सरपंच सचिव एवं अधिकारी भ्रष्टाचार में मिली भगत से ही ऐसे ही संभव है अधिकारी द्वारा ओके रिपोर्ट देने के बाद ही भुगतान किया जाता है जब कार्य नहीं किया गया तो भुगतान कैसे कर दिया गया ऐसे में विभागीय अधिकारियों का ऊपर भी सवाल उठ रहे हैं जब ग्राम वासी बहादुर सिंह मालवीय मीडिया को भी अवगत करवाया उसके बाद भी सरपंच सचिव के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई जब मीडिया ने निरीक्षण किया तो वहां पर ना ही तलाव नहीं खेल का मैदान कुछ भी नहीं था बस कागजों में ही दर्शाया गया था और मास्टर रोल बनाकर पैसे निकाले गए हैं अब देखना होगा कि अधिकारी क्या एक्शन लेते हैं जिनकेटों पर तालाब बताया गया है वहां पर तालाब ही नहीं है और नहीं वहां पर खेल का मैदान है जहां पर बताया गया कागजों में जिम्मेदार लोगों ने बहुत भ्रष्टाचार किया है अगर इस मामले की जांच की जाए तो बहुत दोषी पाए जाएंगे अधिकारी एवं सरपंच सचिव 2015 से लेकर 2021 तक जितने भी खेत तालाब का निर्माण हुआ है अगर उनकी जांच की जाती है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा भागसेरा पंचायत कागजों में दौड़ रहा विकास! हकीकत में बदहाली, धरातल से गायब निर्माण कार्यों को ढूंढने पहुंचे। भागसेरा रामसहाय मध्य प्रदेश/राज्य सरकार के द्वारा विकास के लिए तमाम प्रकार के योजनाएं संचालित की जा रही है, लेकिन धरातल पर उतरने से पहले ही योजनाएं दम तोड़ रही है। यहां पर विकास पर सिर्फ कागजों में दौड़ता रहा, हकीकत में विकास बदहाली का आंसू बहा रहा है। बरहाल धरातल से गायब हुए।
ई खबर मीडिया के लिए देवास से विष्णु शिंदे की रिपोर्ट