क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भी देश के खिलाड़ियों ने अपना परचम लहराने का काम किया है। इस साल हुए ओलंपिक में भारतीय एथलीटों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद सभी को थी जिसमें थोड़ी निराशा भी हुई लेकिन शूटिंग के इवेंट में पहले से बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला वहीं हॉकी में टीम इंडिया ब्रॉन्ज मेडल जीतने में देश के लिए साल 2024 खेलों में काफी बेहतरीन माना जा सकता है, जिसमें एक तरफ जहां क्रिकेट मैदान पर टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रही तो अन्य खेलों में भी भारतीय प्लेयर्स और टीम का कमाल प्रदर्शन देखने को मिला। इस साल पेरिस में ओलंपिक गेम्स का भी आयोजन हुआ था, जिसमें सभी फैंस को पहले के मुकाबले अधिक मेडल की उम्मीद थी, लेकिन उसमें थोड़ा निराश जरूर होना पड़ा इसके बावजूद भी कुछ खेलों में देश मेडल जीतने में कामयाब रहा जिनकी उम्मीद काफी कम की गई थी। इसमें शूटिंग पहले नंबर पर आएगा जिसमें मनु भाकर ने एक नहीं बल्कि 2 मेडल अपने नाम किए थे, वहीं जैवलिन थ्रो इवेंट में नीरज चोपड़ा इस बार गोल्ड जीतने में तो कामयाब नहीं हो सके लेकिन सिल्वर मेडल को जरूर अपने नाम किया। ऐसे में हम आपको साल 2024 में क्रिकेट छोड़ अन्य खेलों में कैसा प्रदर्शन रहा उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
हॉकी में जीता ब्रॉन्ज मेडल
इस बार भारतीय हॉकी टीम का भी ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला जिसमें भले ही वह गोल्ड मेडल मैच में पहुंचने में कामयाब नहीं हो सके लेकिन इसके बावजूद ब्रॉन्ज मेडल जरूर अपने नाम किया, जिससे ओलंपिक में फिर से फैंस को भारतीय हॉकी का जादू देखने को मिला। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में स्पेन की टीम को 2-1 से मात देने के साथ पदक अपने नाम किया। इस मुकाबले के बाद भारतीय हॉकी इतिहास के सबसे सफल गोलकीपर में से एक पीआर श्रीजेश ने इस खेल को अलविदा भी कह दिया था।
चेस में डी गुकेश ने बनाया अपना दबदबा
चेस का नाम सुनते ही सभी भारतीय फैंस के मन में सबसे पहले विश्वनाथन आनंद का नाम आता है, लेकिन साल 2024 में डी गुकेश का चेस में दबदबा देखने को मिला और वह इस खेल में देश के उभरते हुए सितारे बन गए। गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। वह सिर्फ 18 साल के हैं। गुकेश ने डिंग लिरेन को 14वीं और अंतिम बाजी में हराया और वर्ल्ड चैंपियन बने।
रेसलिंग अमन सहरावत ने रचा इतिहास
रेसलिंग में हमेशा भारत का दबदबा देखने को मिला है, लेकिन इस बार ओलंपिक में रेसलर्स उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सके। हालांकि 21 साल के अमन सहरावत ब्रॉन्ज मेडल जीतने के साथ इतिहास रचने में जरूर कामयाब हुए। अमन ने पुरुषों के 57 किग्रा कैटेगिरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता जिसमें वह देश के सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता भी बन गए।