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ढाई साल से ब्लैकमेलिंग, फिर अपहरण और लूट – महिला ने पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप, बोली- “मुझे इंसाफ चाहिए”

गांधीनगर (गुजरात)। कलोल तालुका निवासी महिला रीना ने एक बेहद सनसनीखेज और झकझोर देने वाला खुलासा किया है। महिला ने आरोप लगाया है कि पिछले ढाई साल से एक युवक उसका मानसिक और सामाजिक शोषण कर रहा था, लगातार ब्लैकमेल कर धमकियां दे रहा था। रीना ने युवक की पहचान प्रथम परमार के रूप में की है, जो यशवंत परमार का बेटा है।

पीड़िता का आरोप है कि प्रथम ने उसकी निजी जानकारियों और वीडियो के जरिए उसे लगातार ब्लैकमेल किया। रीना के अनुसार, कुछ दिन पहले युवक ने दो महिलाओं के साथ मिलकर उसे अगवा कर लिया। पहले आरोपी ने बेल्ट से हमला किया, और चाकू दिखाया जिससे वह असहाय हो गई। फिर तीनों ने मिलकर उसे एक रिक्शा में जबरन बैठाया और दूर ले जाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया।

रीना ने बताया कि आरोपी उसके कान की सोने की बाली, तोते की आकृति वाली सोने की चेन, अंगूठी, चांदी की पायल और चूड़ी समेत कई कीमती गहने लूट ले गए। इतना ही नहीं, आरोपी उसका मोबाइल फोन भी छीनकर फरार हो गया, जिसमें कई निजी जानकारियां थीं।

घटना के तुरंत बाद रीना स्थानीय पुलिस चौकी पहुंची, लेकिन वहां जो हुआ उसने पीड़िता की उम्मीदों को पूरी तरह तोड़ दिया। महिला ने बताया कि वह शाम 7 बजे से रात 10:30 बजे तक थाने में बैठी रही, लेकिन पुलिस न तो रिपोर्ट दर्ज करने को तैयार हुई, और न ही घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई।

रीना का आरोप है कि पुलिस की यह उदासीनता कहीं न कहीं आरोपी को बचाने या मामले को दबाने की कोशिश प्रतीत होती है। पीड़िता अब मीडिया के माध्यम से राज्य के उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रही है, और मांग कर रही है कि आरोपी प्रथम परमार और उसकी सहयोगियों के खिलाफ तत्काल गिरफ्तारी और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

इस मामले ने न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि महिला सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी है।

क्या है पूरा मामला

ढाई साल से कर रहा था ब्लैकमेल, महिला को अगवा कर गहने लूटे – पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप

गांधीनगर, गुजरात। कलोल तालुका निवासी महिला रीना ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि वह पिछले ढाई वर्षों से एक युवक द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित और ब्लैकमेल की जा रही थी। पीड़िता के अनुसार, युवक का नाम प्रथम है और उसके पिता का नाम यशवंत परमार है। महिला ने आरोप लगाया कि युवक उन्हें लंबे समय से पीछे पड़ा था और तरह-तरह की धमकियां देकर परेशान कर रहा था।

घटना के अनुसार, कुछ दिन पहले प्रथम दो अन्य महिलाओं को साथ लेकर आया। आरोपी ने पीड़िता पर बेल्ट से हमला किया और फिर एक रिक्शा में बैठाकर उन्हें जबरन दूर ले जाया गया। वहां महिला के कान की सोने की बाली, तोते के आकार की सोने की चेन, अंगूठी, चांदी की पायल (चूड़ी) आदि कीमती गहने छीन लिए गए। इसके बाद आरोपी युवक उसका मोबाइल फोन भी लेकर फरार हो गया।

रीना ने बताया कि वह तुरंत संबंधित पुलिस चौकी गई और एफआईआर दर्ज करवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने न तो रिपोर्ट लिखी और न ही आसपास के सीसीटीवी कैमरे चेक किए। महिला का कहना है कि वह शाम 7 बजे से रात 10:30 बजे तक थाने में बैठी रही, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

पीड़िता ने अब मीडिया के माध्यम से उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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